कंपनी (Company) क्या है? अर्थ, विशेषताएँ और बहुत कुछ।

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कंपनी किसी भी देश के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि कंपनी देश के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कंपनी का गठन किसी विशिष्ट कार्य के लिए किया जाता है। कंपनियाँ कानून द्वारा शासित होती हैं और कंपनियों को विनियमित करने के लिए हर देश के अपने कानून होते हैं। प्रत्येक देश, देश की प्रकृति के अनुसार कानून बनाता है क्योंकि प्रकृति सीधे कंपनी को प्रभावित करती है या इसके विपरीत।

What is the company? Meaning, features and more.

कंपनी (Company) क्या है?

कंपनी का अर्थ (Meaning of Company)

कंपनी का अर्थ व्यक्तियों का एक संघ या व्यक्तियों का समूह है और इसे कानून द्वारा कानूनी इकाई का दर्जा प्राप्त है। कंपनियों को आगे विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया गया है और विभिन्न प्रकार की कंपनियां विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का आनंद लेती हैं।


कंपनी की परिभाषा (Definition of Company)

कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(20) के अनुसार – “कंपनी का अर्थ है इस अधिनियम के तहत या किसी पिछले कंपनी कानून के तहत निगमित कंपनी।”

According to Section 2(20) of the Companies Act, 2013 – “Company means a company incorporated under this Act or under any previous company law.”

प्रोफेसर हैनी के अनुसार – “एक कंपनी कानून द्वारा बनाई गई एक कृत्रिम व्यक्ति है, जिसकी अलग इकाई होती है, जिसमें शाश्वत उत्तराधिकार और सामान्य मुहर होती है।”

According to Professor Haney ― “A company is an artificial person created by law, having separate entity, with a perpetual succession and common seal.”

मुख्य न्यायाधीश मार्शल के अनुसार – “एक निगम एक कृत्रिम प्राणी है, अदृश्य, अमूर्त, केवल कानून के चिंतन में विद्यमान है। केवल कानून की रचना होने के नाते, इसमें केवल वही गुण होते हैं जो इसके निर्माण का चार्टर इसे प्रदान करता है, या तो स्पष्ट रूप से या इसके अस्तित्व के लिए प्रासंगिक।”

According to Chief Justice Marshall – “A corporation is an artificial being, invisible, intangible, existing only in contemplation of the law. Being a mere creation of law, it possesses only the properties which the Charter of its creation confers upon it, either expressly or as incidental to its very existence.”

लॉर्ड जस्टिस लिंडले के अनुसार – “एक कंपनी कई व्यक्तियों का एक संघ है जो एक आम स्टॉक के लिए धन या धनराशि का योगदान करते हैं और किसी व्यापार या व्यवसाय में कार्यरत होते हैं और जो उससे उत्पन्न होने वाले लाभ और हानि को साझा करते हैं। इस प्रकार योगदान किया गया सामान्य स्टॉक धन में दर्शाया जाता है और कंपनी की पूंजी है। वे व्यक्ति जो इसमें योगदान करते हैं या जिनसे यह संबंधित है, सदस्य हैं। पूंजी का वह अनुपात जिसके लिए प्रत्येक सदस्य हकदार है, उसका हिस्सा है। शेयर हमेशा हस्तांतरणीय होते हैं, हालांकि हस्तांतरण का अधिकार अक्सर कमोबेश प्रतिबंधित होता है।”

According to Lord Justice Lindley “A company is an association of many persons who contribute money or monies worth to a common stock and employed in some trade or business and who share the profit and loss arising therefrom. The common stock so contributed is denoted in money and is the capital of the company. The persons who contribute to it or to whom it pertains are members. The proportion of capital to which each member is entitled is his share. The shares are always transferable although the right to transfer is often more or less restricted.”


कंपनी की विशेषताएं (Features of the Company)

कंपनी की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. व्यक्तियों का संघ (Association of Persons):

कंपनी दो या दो से अधिक व्यक्तियों का एक समूह है, जो किसी विशिष्ट कार्य के लिए बनाया जाता है। जैसे:

One Person Company
Only One

Private Limited Company
Minimum – 2
Maximum – 200

Public Limited Company
Minimum – 7
Maximum – No limit

अलग कानूनी इकाई कंपनी की सबसे बड़ी विशेषता है क्योंकि इसके तहत कंपनी अपने मालिक से अलग हो जाती है और एक अलग कानूनी इकाई बन जाती है। इसके मुताबिक कंपनी और उसके मालिक दो अलग-अलग व्यक्ति हैं।

3. निरंतर उत्तराधिकार (Perpetual Succession):

निरंतर उत्तराधिकार का अर्थ है निरंतरता, जिसके अनुसार सदस्य आ सकते हैं और जा सकते हैं लेकिन कंपनी जारी रहेगी। जब तक कंपनी को बंद न किया जाये तब तक कंपनी बंद नहीं हो सकती।

4. सीमित दायित्व (Limited Liability):

कंपनी के सदस्य सीमित देयता सुविधाओं का आनंद लेते हैं। सीमित दायित्व के तहत सदस्य केवल अपने हिस्से तक ही उत्तरदायी होता है।

5. शेयरों की हस्तांतरणीयता (Transferability of Shares):

किसी कंपनी में शेयरों की हस्तांतरणीयता कंपनियों और गवर्निंग अथॉरिटीज पर निर्भर करती है। सार्वजनिक कंपनी में कोई भी अपना हिस्सा बड़े पैमाने पर जनता को हस्तांतरित कर सकता है और निजी कंपनी में ऐसा नहीं है।

6. सामान्य मुहर (Common Seal):

कंपनी एक कृत्रिम व्यक्ति है इसलिए वह हस्ताक्षर नहीं कर सकती। इसके लिए कंपनी के नाम पर एक मुहर बनाई जाती है ताकि अगर कोई समझौता या अनुबंध हो तो उस पर कंपनी की मुहर लगाई जा सके।

7. मुकदमा करने की क्षमता (Ability to Sue):

जब व्यवसाय कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत होता है, तो व्यवसाय को कानून के तहत एक अलग कानूनी इकाई मिलती है, जिसके तहत कंपनी अपने नाम पर किसी पर भी मुकदमा कर सकती है।

8. स्वामित्व की क्षमता (Capacity of Ownership):

जब व्यवसाय कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत होता है, तो व्यवसाय को कानून के तहत एक अलग कानूनी इकाई मिलती है, जिसके तहत कंपनी अपने नाम पर संपत्ति खरीद और बेच सकती है।

9. नाम (Name):

कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत कंपनियों के लिए अपने नाम के बाद कंपनी का प्रकार जोड़ना अनिवार्य है। उदाहरण:

One Person Company
ABC One Person Company (ABC OPC)
XYZ One Person Company (XYZ OPC)

Private Limited Company
ABC Private Limited (ABC Pvt. Ltd.)
XYX Private Limited (XYZ Pvt. Ltd.)

Private Limited Company
ABC Limited (ABC Ltd.)
XYZ Limited (XYZ Ltd.)


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QNA/FAQ

Q1. कंपनी (Company) क्या है?

Ans: कंपनी का अर्थ व्यक्तियों का एक संघ या व्यक्तियों का समूह है और इसे कानून द्वारा कानूनी इकाई का दर्जा प्राप्त है। कंपनियों को आगे विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया गया है और विभिन्न प्रकार की कंपनियां विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का आनंद लेती हैं।

Q2. कंपनी अधिनियम द्वारा दी गई कंपनी की परिभाषा लिखिए।

Ans: कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(20) के अनुसार – “कंपनी का अर्थ है इस अधिनियम के तहत या किसी पिछले कंपनी कानून के तहत निगमित कंपनी।”

According to Section 2(20) of the Companies Act, 2013 – “Company means a company incorporated under this Act or under any previous company law.”

Q3. कंपनी की विशेषताएँ लिखिए।

Ans: कंपनी की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. व्यक्तियों का संघ (Association of Persons)
2. अपनी अलग कानूनी पहचान (Separate Legal Entity)
3. निरंतर उत्तराधिकार (Perpetual Succession)
4. सीमित दायित्व (Limited Liability)
5. शेयरों की हस्तांतरणीयता (Transferability of Shares)
6. सामान्य मुहर (Common Seal)
7. मुकदमा करने की क्षमता (Ability to Sue)
8. स्वामित्व की क्षमता (Capacity of Ownership)
9. नाम (Name)

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