साझेदारों के अधिकार और कर्तव्य (Rights and Duties of Partners)

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साझेदारी फर्म का गठन साझेदारों द्वारा किया जाता है। जब साझेदार साझेदारी फर्म बनाते हैं तो उन्हें अधिकार और कर्तव्य मिलते हैं ताकि वे फर्म का काम अच्छी तरह से कर सकें। कभी-कभी साझेदारी फर्म के साझेदार साझेदारी डीड में विशिष्ट प्रकार के अधिकार और कर्तव्य जोड़ते हैं ताकि वे व्यवसाय को और अधिक बेहतर ढंग से चला सकें।

Rights and Duties of Partners

साझेदारों के अधिकार (Rights of Partners)

साझेदारों के अधिकार निम्नलिखित हैं:

1. भाग लेने का अधिकार (Right to Participate):

साझेदारी फर्म के साझेदारों को दिन-प्रतिदिन की व्यावसायिक गतिविधियों में भाग लेने का समान अधिकार है। कोई भी साझेदार बिना किसी विशेष कारण के दूसरे साझेदारों को व्यवसाय में भाग लेने से मना नहीं कर सकता।

2. राय का अधिकार (Right to Opinion):

साझेदारी फर्म के प्रत्येक भागीदार को व्यवसाय के संबंध में राय, परामर्श और सुनवाई का अधिकार है। कोई भी भागीदार अपनी राय व्यक्त कर सकता है और उसकी राय सभी भागीदार सुनेंगे।

3. निरीक्षण करने का अधिकार (Right to Inspect):

प्रत्येक भागीदार को व्यवसाय की सभी गतिविधियों का निरीक्षण करने का अधिकार है, जिसमें दिन-प्रतिदिन के कार्य, बैठकें, लेखांकन पुस्तकें, दस्तावेज़ और अन्य महत्वपूर्ण तत्व शामिल हैं।

4. लाभ साझा करने का अधिकार (Right to Share Profit):

साझेदारी फर्म में लाभ को निर्धारित साझाकरण अनुपात के अनुसार बाँटा जाता है। साझेदारी विलेख का मसौदा (Drafting) तैयार करते समय साझाकरण अनुपात निर्धारित किया जाता है।

5. ब्याज का अधिकार (Right to Interest):

ब्याज का अधिकार केवल तभी लागू होता है जब साझेदारी डीड में ब्याज के अधिकार से संबंधित खंड का उल्लेख किया गया हो। साझेदारी विलेख के अभाव में, फर्म को साझेदारों द्वारा दिए गए ऋण पर 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज के हकदार होंगे।

6. सेवानिवृत्त होने का अधिकार (Right to Retire):

साझेदारी फर्म के प्रत्येक साझेदार को सभी साझेदारों की सहमति से व्यवसाय से सेवानिवृत्त होने का अधिकार है, सभी साझेदारों की सहमति के बिना कोई भी व्यवसाय से सेवानिवृत्त नहीं हो सकता।

7. समाप्त करने का अधिकार (Right to Dissolve):

प्रत्येक साझेदार को सभी साझेदारों की सहमति से साझेदारी फर्म को समाप्त करने का अधिकार है, सभी साझेदारों की सहमति के बिना कोई भी साझेदारी फर्म को समाप्त नहीं कर सकता है।

ध्यान दें: उपरोक्त में साझेदारी फर्म में भागीदारों के अधिकारों का पूरी तरह से उल्लेख नहीं किया गया है।


साझेदारों के कर्तव्य (Duties of Partners)

साझेदारों के कर्तव्य निम्नलिखित हैं:

1. लगन से काम (Work Diligently):

साझेदारी फर्म के प्रत्येक भागीदार का पहला कर्तव्य लगन से काम करना है। जब सभी भागीदार लगन से काम करेंगे तो बिजनेस ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।

2. पारिश्रमिक नहीं (No Remuneration):

साझेदारों का यह कर्तव्य है कि वे व्यवसाय से पारिश्रमिक प्राप्त न करें क्योंकि वे व्यवसाय से लाभ प्राप्त करते हैं, लेकिन यदि साझेदारी डीड में पारिश्रमिक खंड का उल्लेख किया गया है तो यह साझेदार का अधिकार है अन्यथा नहीं।

3. हानि साझा करने का कर्तव्य (Duty to Share Loss):

यदि लाभ साझा करने का अधिकार है तो हानि साझा करने का भी कर्तव्य है। लाभ और हानि को लाभ और हानि साझाकरण अनुपात के अनुसार साझा किया जाता है, साझेदारी विलेख का मसौदा (Drafting) तैयार करते समय लाभ और हानि साझाकरण अनुपात निर्धारित किया जाता है।

4. लापरवाही की क्षतिपूर्ति (Indemnify for Negligence):

जानबूझ कर की गई लापरवाही के कारण हुए नुकसान की भरपाई करना साझेदार का कर्तव्य है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि पार्टनर ने जानते हुए भी लापरवाही बरती।

5. धोखाधड़ी का क्षतिपूर्ति (Indemnity for Fraud):

जानबूझकर की गई धोखाधड़ी से हुए नुकसान की भरपाई करना पार्टनर का कर्तव्य है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि पार्टनर ने जानते हुए भी धोखाधड़ी की।

ध्यान दें: उपरोक्त में साझेदारी फर्म में साझेदारों के कर्तव्यों का पूरी तरह से उल्लेख नहीं किया गया है।


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QNA/FAQ

Q1. साझेदारों के अधिकार लिखिए।

Ans: साझेदारों के अधिकार निम्नलिखित हैं:

1. भाग लेने का अधिकार (Right to Participate)
2. राय का अधिकार (Right to Opinion)
3. निरीक्षण करने का अधिकार (Right to Inspect)
4. लाभ साझा करने का अधिकार (Right to Share Profit)
5. ब्याज का अधिकार (Right to Interest)
6. सेवानिवृत्त होने का अधिकार (Right to retire)
7. समाप्त करने का अधिकार (Right to Dissolve)

Q2. साझेदारों के कर्तव्य लिखिए।

Ans: साझेदारों के कर्तव्य निम्नलिखित हैं:

1. लगन से काम (Work Diligently)
2. पारिश्रमिक नहीं (No remuneration)
3. हानि साझा करने का कर्तव्य (Duty to share loss)
4. लापरवाही की क्षतिपूर्ति (Indemnify for Negligence)
5. धोखाधड़ी का क्षतिपूर्ति (Indemnity for Fraud)

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