लेखांकन के संकर आधार को समझने से पहले, हमें लेखांकन के उपार्जन आधार और नकद आधार को समझना होगा क्योंकि यह दोनों का मिश्रण है।
लेखांकन का उपार्जन आधार (Accrual Basis of Accounting): यह लेखांकन का एक आधार या विधि है जो यह बताता है कि लेनदेन होने पर उसे पुस्तकों में दर्ज किया जाना चाहिए। यह नकद और उधार दोनों तरह के लेनदेन को दर्ज करता है क्योंकि इसका सिद्धांत नकद और उधार दोनों पर आधारित है और यह लेखांकन के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला आधार है।
लेखांकन का नकद आधार (Cash Basis of Accounting): यह लेखांकन का एक आधार या विधि है जो बताता है कि नकदी प्राप्त या भुगतान किए जाने पर ही लेनदेन को पुस्तकों में दर्ज किया जाना चाहिए। यह उधार लेनदेन को दर्ज नहीं करता है क्योंकि यह केवल नकदी पर आधारित है और यदि कोई उधार लेनदेन को दर्ज करना चाहता है तो उसे पहले उस लेनदेन के लिए भुगतान प्राप्त या भुगतान करना होगा।
यदि हम उपार्जन आधार और नकद आधार के बीच अंतर के बारे में बात करें, तो उपार्जन आधार में नकद और उधार दोनों प्रकार के लेनदेन को दर्ज किया जाता है और दर्ज भी उसी समय किए जाता है जब लेनदेन घटित होता है और नकद आधार में केवल नकद लेनदेन को ही दर्ज किया जाता है और दर्ज भी तब किया जाता है जब नकद प्राप्त होता है या भुगतान किया जाता है।
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लेखांकन का संकर आधार क्या है? (What is Hybrid Basis of Accounting?)
लेखांकन का संकर आधार लेखांकन कार्य के लिए एक आधार है जो यह बताता है कि पुस्तकों में लेन-देन को कब दर्ज करना है तथा यह उपार्जन आधार और नकद आधार का मिश्रण है, इसलिए इसे लेखांकन का मिश्रित आधार भी कहा जाता है। इसके अनुसार उपार्जन आधार और नकद आधार दोनों का ही लेखांकन कार्य के लिए प्रयोग किया जा सकता है तथा इस आधार का प्रयोग अन्य दो आधारों की अपेक्षा कम होता है।
आमतौर पर जो भी इस आधार का उपयोग करता है वह पुस्तकों में आय को नकद आधार पर और व्यय को उपार्जन आधार पर दर्ज करता है और ऐसा करने के कई कारण हो सकते हैं जैसे लाभ कम दिखाना, आय प्राप्त होगी या नहीं इस बात का निश्चित न होना, आदि। अधिकतर इस आधार का उपयोग उन क्षेत्रों में किया जाता है जहां यह निश्चित नहीं होता है कि आय प्राप्त होगी या नहीं जैसे वकालत, आदि लेकिन ऐसा नहीं भी हो सकता है।
ध्यान दें: इस आधार का उपयोग किया जा सकता है या नहीं, यह संगठन, संगठन की प्रकृति, शासी प्राधिकरण, आदि पर निर्भर हो सकता है।
लेखांकन के संकर आधार की विशेषताएं (Features of the Hybrid Basis of Accounting)
लेखांकन के संकर आधार की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. आधार (Base):
यह उपार्जन आधार और नकद आधार की तरह ही लेखांकन कार्य के लिए एक आधार है। इसके अनुसार, उपार्जन आधार और नकद आधार दोनों का उपयोग पुस्तकों में लेनदेन को दर्ज करने के लिए किया जा सकता है और जो कोई भी इस आधार के माध्यम से लेखांकन कार्य करना चाहता है, उसे लेखांकन कार्य शुरू करने से पहले इसका चयन करना होता है।
2. मिश्रित (Mixture):
संकर आधार, उपार्जन आधार और नकद आधार का एक मिश्रण है, इसलिए इसमें दोनों की विशेषताएं पायी जाती हैं और जो कोई भी इसके अनुसार लेखांकन कार्य करता है, वह उपार्जन आधार और नकद आधार दोनों का उपयोग कर सकता है।
3. वर्णन (Describe):
यह बताता है कि लेन-देन को कब दर्ज करना है। यदि लेन-देन को दर्ज करने के लिए उपार्जन आधार का उपयोग किया जाता है तो लेन-देन को उस समय दर्ज करना होगा जब लेनदेन घटित होगा और यदि नकद आधार का उपयोग किया जाता है तो लेनदेन को तब दर्ज करना होगा जब नकद प्राप्त होगा या भुगतान होगा।
4. कम मान्यता (Less Recognized):
इस आधार को उपार्जन आधार की अपेक्षा कम मान्यता प्राप्त होता है, क्योंकि इसमें उचित लेखांकन नियमों जैसे दोहरी प्रविष्टि प्रणाली, अवधारणाओं, सिद्धांतों, आदि का उचित रूप से पालन नहीं किया जाता है तथा लेन-देन को किसी भी स्वैच्छिक आधार से पुस्तकों में दर्ज किया जा सकता है।
5. विकल्प (Option):
यह आधार लेनदेन को दर्ज करने के लिए विकल्प प्रदान करता है क्योंकि यह उपार्जन आधार और नकद आधार का मिश्रण है और इसमें लेनदेन को किसी भी आधार के माध्यम से पुस्तकों में दर्ज किया जा सकता है जैसे उपार्जन आधार का उपयोग करके या नकद आधार का उपयोग करके या दोनों आधारों का उपयोग करके।
यह भी पढ़ें:
- लेखांकन का आधार (Basis of Accounting) क्या है? अर्थ, विशेषताएं और बहुत कुछ।
- लेखांकन के आधार का वर्गीकरण (Classification of Basis of Accounting)
- लेखांकन का उपार्जन आधार (Accrual Basis of Accounting) क्या है? अर्थ, विशेषताएं और बहुत कुछ।
- लेखांकन का नकद आधार (Cash Basis of Accounting) क्या है? अर्थ, विशेषताएं और बहुत कुछ।
QNA/FAQ
Q1. लेखांकन का संकर आधार क्या है?
Ans: लेखांकन का संकर आधार लेखांकन कार्य के लिए एक आधार है जो यह बताता है कि पुस्तकों में लेन-देन को कब दर्ज करना है।
Q2. लेखांकन के संकर आधार को और किस नाम से भी जाना जाता है?
Ans: लेखांकन के संकर आधार को लेखांकन के मिश्रित आधार के नाम से भी जाना जाता है।
Q3. लेखांकन के उपार्जन आधार और संकर आधार में से कौन से आधार को कम मान्यता प्राप्त है?
Ans: संकर आधार को कम मान्यता प्राप्त है।
Q4. क्या लेखांकन का संकर आधार एक मिश्रित आधार है?
Ans: हां, लेखांकन का संकर आधार एक मिश्रित आधार है।
Q5. लेखांकन के संकर आधार की विशेषताएँ लिखिए।
Ans: लेखांकन के संकर आधार की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. यह लेखांकन कार्य के लिए एक आधार है।
2. यह लेखांकन के उपार्जन आधार और नकद आधार का एक मिश्रण है।
3. यह बताता है कि पुस्तकों में लेनदेन को कब दर्ज करना है।
4. इसे उपार्जन आधार की तुलना में कम मान्यता प्राप्त है।
5. यह पुस्तकों में लेनदेन को दर्ज करने के लिए विकल्प प्रदान करता है।