लेखांकन समीकरण (Accounting Equation) क्या है? अर्थ, विशेषताएं और बहुत कुछ।

Read in English:

लेखांकन समीकरण को समझने से पहले हमें लेखांकन और समीकरण शब्दों का अर्थ समझना होगा क्योंकि यह दोनों का संयोजन है।

लेखांकन (Accounting): लेखांकन से अभिप्राय आर्थिक लेनदेन के प्रबंधन से है और इसमें लेनदेन को एक प्रक्रिया द्वारा प्रबंधित किया जाता है जिसमें पहचान, माप, अभिलेख, वर्गीकरण, सारांश, आदि शामिल हैं। इसमें कई नियम, अवधारणाएं, सिद्धांत आदि शामिल हैं जो लेनदेन के प्रबंधन में मदद करते हैं जैसे दोहरी प्रविष्टि प्रणाली, डेबिट और क्रेडिट के नियम आदि। डेबिट और क्रेडिट के नियमों और दोहरी प्रविष्टि प्रणाली के अनुसार लेनदेन का प्रबंधन करने से देनदारियां और संपत्ति एक दूसरे के बराबर होती हैं जिन्हें बैलेंस शीट में देखा जा सकता है।

समीकरण (Equation): समीकरण एक कथन (सूत्र) है जो दो भावों को बराबर चिह्न से जोड़कर उनकी समानता को व्यक्त करता है। सरल भाषा में कहें तो, यह एक कथन है जिसमें बराबर चिह्न होता है और चिह्न के दोनों ओर कुछ मान (Values) होते हैं और दोनों ओर के मान एक दूसरे के बराबर होते हैं। इसका प्रयोग वहाँ किया जाता है जहाँ यह दिखाना होता है कि दोनों ओर के मान एक दूसरे के बराबर हैं। उदाहरण नीचे वर्णित हैं:

स्थिति – 1स्थिति – 2स्थिति – 3
A = BA + B = CA = B + C
10 = 105+5 = 1010 = 8+2
10 = 1010 = 1010 = 10
लेखांकन समीकरण (Accounting Equation) क्या है? अर्थ, विशेषताएं और बहुत कुछ।

लेखांकन समीकरण क्या है? (What is Accounting Equation?)

लेखांकन समीकरण एक कथन (सूत्र) है जिसका उपयोग लेखांकन में यह दिखाने के लिए किया जाता है कि संपत्ति और देनदारियाँ या डेबिट और क्रेडिट बराबर हैं। इस समीकरण में बराबर का चिह्न होता है और दोनों तरफ मान (Value) होते हैं जैसे कि संपत्ति = देनदारी, डेबिट = क्रेडिट, आदि। लेखांकन में यह समीकरण यह साबित करता है कि संपत्ति देनदारियों के बराबर है या देनदारियाँ संपत्ति के बराबर हैं और डेबिट क्रेडिट के बराबर है या क्रेडिट डेबिट के बराबर है।

लेखांकन समीकरण (Accounting Equation)
(A = L + E)
संपत्तियां = देनदारियां + इक्विटी (मालिक का हिस्सा)

लेखांकन समीकरण को बैलेंस शीट समीकरण भी कहा जाता है क्योंकि इसके अनुसार ही बैलेंस शीट तैयार की जाती है या इसे बैलेंस शीट के अनुसार तैयार किया जाता है। इसे बैलेंस शीट के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है क्योंकि बैलेंस शीट में दो पक्ष होते हैं, एक देनदारी और दूसरी संपत्ति जो एक दूसरे के बराबर होती हैं।

ध्यान दें: मालिक का हिस्सा देनदारी के अंतर्गत आता है क्योंकि यह व्यवसाय के लिए एक दायित्व है जिसे चुकाना होता है।

सरल शब्दों में कहें तो एक व्यवसाय के पास अपना कुछ भी नहीं होता है वह किसी और से संपत्ति लेता है और ली गई संपत्ति उसके लिए दायित्व बन जाती है इसीलिए देनदारी संपत्ति के बराबर होता है या संपत्ति देनदारी के बराबर होती है और यही बात लेखांकन समीकरण सिद्ध करता है।


लेखांकन समीकरण की विशेषताएं (Features of Accounting Equation)

लेखांकन समीकरण की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. कथन (Statement):

यह एक कथन है जो यह साबित करता है कि संपत्ति देनदारी के बराबर है या देनदारी संपत्ति के बराबर है और यह इसलिए संभव होता है क्योंकि जब संपत्ति आती है तो देनदारी भी आती है और जब संपत्ति जाती है तो देनदारी भी जाती है। सरल भाषा में कहें तो, प्रत्येक लेन-देन के दो पक्ष होते हैं, एक डेबिट और दूसरा क्रेडिट जिसमें एक पक्ष कुछ घटाता है तो दूसरा पक्ष कुछ बढ़ाता है या दोनों पक्ष कुछ बढ़ाते हैं या दोनों पक्ष कुछ घटाते हैं, आदि, जिसके कारण संपत्ति और देनदारी में संतुलन बनी रहती है।

2. बराबर (Equal):

इस समीकरण के बीच में बराबर का चिन्ह होता है और दोनों तरफ कुछ मान होते हैं जो एक दूसरे के बराबर होते हैं जैसे देनदारी = संपत्ति या संपत्ति = देनदारी आदि। उदाहरण के लिए किसी व्यवसाय में रु. 1,00,000/- की संपत्ति और रु. 75,000/- की देनदारियां हैं और मालिक का हिस्सा रु. 25,000/- है तो इस स्थिति में:

संपत्तियां = देनदारियां + इक्विटी (मालिक का हिस्सा)
1,00,000/- = 75,000/- + 25,000/- (मालिक के हिस्से को अलग करने पर)
1,00,000/- = 1,00,000/- (मालिक के हिस्से को इकट्ठा करने पर)

3. त्रुटि परीक्षक (Error Checker):

यह एक त्रुटि परीक्षक की तरह कार्य करता है क्योंकि इसके दोनों पक्ष तभी बराबर होते हैं जब लेखांकन कार्य में कोई त्रुटि न हो, यदि लेखांकन कार्य में कोई त्रुटि है तो इसके दोनों पक्ष बराबर नहीं होते हैं। लेखांकन समीकरण को बैलेंस शीट में देखा जा सकता है क्योंकि बैलेंस शीट इसके अनुसार तैयार की जाती है या इसे बैलेंस शीट के अनुसार तैयार किया जाता है।

4. वैज्ञानिक (Scientific):

लेखांकन समीकरण वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है क्योंकि प्रत्येक लेनदेन के दो पक्ष होते हैं जो अंततः एक दूसरे के बराबर हो जाते हैं, उदाहरण के लिए संपत्ति देनदारी के बराबर या देनदारी सम्पति के बराबर, या डेबिट क्रेडिट के बराबर या क्रेडिट डेबिट के बराबर, आदि।

5. सार्वभौमिक (Universal):

यह सार्वभौमिक है क्योंकि जहां कही भी उचित लेखांकन का उपयोग किया जाता है वहां पर यह पाया जाता है क्योंकि उचित लेखांकन में सभी सम्बंधित नियम, अवधारणाएं, सिद्धांत, आदि का व्यवस्थित रूप से उपयोग किया जाता है जो डेबिट को क्रेडिट के बराबर या क्रेडिट को डेबिट के बराबर, या संपत्ति को देनदारी के बराबर या देनदारी को संपत्ति के बराबर बनाता है।


यह भी पढ़ें:


QNA/FAQ

Q1. लेखांकन समीकरण क्या है?

Ans: लेखांकन समीकरण एक कथन (सूत्र) है जो यह साबित करता है कि संपत्तियां देनदारियों के बराबर हैं या देनदारियां परिसंपत्तियों के बराबर हैं और डेबिट क्रेडिट के बराबर है या क्रेडिट डेबिट के बराबर है।

Q2. लेखांकन समीकरण को अन्य किस नाम से भी जाना जाता है?

Ans: लेखांकन समीकरण को बैलेंस शीट समीकरण के नाम से भी जाना जाता है।

Q3. क्या लेखांकन समीकरण में बराबर का चिह्न होता है?

Ans: हां, लेखांकन समीकरण में बराबर का चिह्न होता है।

Q4. क्या लेखांकन समीकरण यह दर्शाता है कि संपत्तियां और देनदारियां बराबर हैं?

Ans: हां, लेखांकन समीकरण दर्शाता है कि परिसंपत्तियां और देनदारियां एक दूसरे के बराबर हैं।

Q5. लेखांकन समीकरण की विशेषताएं लिखिए।

Ans: लेखांकन समीकरण की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. यह एक कथन है।
2. इसके दोनों पक्ष समान हैं।
3. यह सार्वभौमिक है।
4. यह त्रुटि जाँचकर्ता के रूप में कार्य करता है।
5. यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है।
6. यह प्रबंधन को सहायता करता है।

Leave a Reply