व्यापार खाता का प्रारूप (Format of Trading Account)

Read in English:

व्यवसाय में सभी आर्थिक लेनदेन को व्यवस्थित रूप से दर्ज और प्रबंधित किया जाता है ताकि लेनदेन के परिणामों को आसानी से समझा और पाया जा सके। प्रत्येक लेनदेन को उसकी संबंधित पद्धति के माध्यम से दर्ज और प्रबंधित किया जाता है और प्रत्येक पद्धति में नियम, प्रारूप आदि हो सकते हैं जैसे जर्नल, सहायक पुस्तक, खाता बही, आदि। जब सभी व्यावसायिक लेनदेन की पहचान, माप, रिकॉर्ड, वर्गीकरण आदि कर लिया जाता है, तो उन्हें व्यापार खाता में दर्ज किया जाता है।

व्यापार खाता में केवल प्रत्यक्ष आय और व्यय ही दर्ज किये जाते हैं, यदि प्रारंभिक और समापन स्टॉक हो तो उसे भी इसमें दर्ज किया जाता है। सभी प्रत्यक्ष व्यय और प्रारंभिक स्टॉक डेबिट पक्ष पर दर्ज किए जाते हैं और सभी प्रत्यक्ष आय और समापन स्टॉक क्रेडिट पक्ष पर दर्ज किए जाते हैं। व्यापार खाता तैयार करने का उद्देश्य व्यवसाय के सकल लाभ या हानि का पता लगाना है।

व्यापार खाता का प्रारूप (Format of Trading Account)

व्यापार खाता का प्रारूप (Format of Trading Account)

व्यापार खाता का प्रारूप नीचे वर्णित है:

Trading Account
of M/s XYZ Company
for the year ending 31st March 2024

ParticularsAmountParticularsAmount
Opening Stock xxxxDirect Trade Income xxxx
Direct Trade Expenses xxxxClosing Stock xxxx
Gross Profit (if) xxxxGross Loss (if) xxxx
Total xxxxx Total xxxxx
व्यापार खाता का प्रारूप (Format of Trading Account)

1. सामान्य (General):

इसमें प्रारूप के बाहर के हिस्से शामिल हैं जैसे खाते का नाम, व्यवसाय का नाम, तिथि इत्यादि। ये सभी प्रारूप के ही हिस्से हैं लेकिन इनको प्रारूप के बाहर लिखा जाता है और इनकी मदद से खाते, व्यवसाय, अवधि, आदि के बारे में पता चलता है। उदाहरण के लिए, पहले खाते का नाम जैसे व्यापार खाता, उसके बाद उस व्यवसाय का नाम जिससे यह खाता संबंधित है और फिर तारीख। आमतौर पर व्यापार खाता वर्ष के अंत में तैयार किया जाता है, इसलिए इस पर वित्तीय वर्ष की समाप्ति तिथि लिखी होती है।

Trading Account
of M/s XYZ Company
for the year ending 31st March 2024

2. डेबिट और क्रेडिट (Debit and Credit):

दोहरी प्रविष्टि प्रणाली का नियम व्यापार खाता पर लागू होता है जिसके कारण इसे दो भागों में विभाजित किया जाता है, एक डेबिट और दूसरा क्रेडिट। व्यापार खाता नाममात्र खाता है जिसके कारण सभी खर्च डेबिट पक्ष में दर्ज किए जाते हैं और सभी आय क्रेडिट पक्ष में दर्ज किए जाते हैं। यदि व्यवसाय में प्रारंभिक और समापन स्टॉक उपलब्ध है तो प्रारंभिक स्टॉक को डेबिट पक्ष में दर्ज किया जाता है और समापन स्टॉक को क्रेडिट पक्ष में दर्ज किया जाता है। सकल लाभ को डेबिट पक्ष में और सकल हानि को क्रेडिट पक्ष में दर्ज किया जाता है।

Debit SideCredit Side
ParticularsAmountParticularsAmount
Opening StockxxxxDirect Trade incomexxxx
Direct Trade ExpensesxxxxClosing Stockxxxx
Gross Profit (if)xxxxGross Loss (if)xxxx
TotalxxxxxTotalxxxxx

3. विवरण (Particulars):

विवरण को दो भागों में बांटा गया है, एक डेबिट पक्ष और दूसरा क्रेडिट पक्ष। डेबिट पक्ष पर प्रारंभिक स्टॉक, प्रत्यक्ष व्यापारिक व्यय, सकल लाभ, आदि दर्ज किए जाते हैं और क्रेडिट पक्ष पर प्रत्यक्ष व्यापारिक आय, समापन स्टॉक, सकल हानि, आदि दर्ज किए जाते हैं। प्रत्यक्ष व्यय में खरीद, आवक माल ढुलाई, मजदूरी, रॉयल्टी भुगतान, कारखाना किराया, आदि शामिल हैं और प्रत्यक्ष आय में बिक्री, प्राप्त रॉयल्टी, प्राप्त लाइसेंस शुल्क, आदि शामिल हैं।

ParticularsAmountParticularsAmount
Opening Stock xxxxDirect Trade Income xxxx
Direct Trade Expenses xxxxClosing Stock xxxx
Gross Profit (if) xxxxGross Loss (if) xxxx
Total xxxxx Total xxxxx

4. राशि (Amount):

इस खाना में लेनदेन (शीर्ष) की राशि लिखी होती है। विवरण खाना में शीर्ष को लिखा जाता है और राशि खाना में उसकी राशि लिखी जाती है। उदाहरण के लिए, यदि शुरुआती स्टॉक 1,00,000/- रुपये है तो शुरुआती स्टॉक विवरण खाना में लिखा जाएगा और 1,00,000/- रुपये राशि खाना में लिखा जाएगा। इस प्रारूप में दर्ज किए जाने वाले सभी लेन-देन इसी प्रकार लिखे जाएंगे।

ParticularsAmountParticularsAmount
Opening Stock1,00,000/-Direct Trade Income10,00,000/-
Direct Trade Expenses5,00,000/-Closing Stock85,000/-
Gross Profit4,85,000/-
Total xxxxx Total xxxxx

5. कुल (Total):

जब सभी लेन-देन दोनों तरफ से दर्ज कर लिए जाते हैं, तो उन्हें जोड़ दिया जाता है। यदि क्रेडिट पक्ष का योग डेबिट पक्ष से अधिक होता है, तो इसका मतलब है कि व्यवसाय ने सकल लाभ कमाया है। इसी प्रकार, यदि डेबिट पक्ष का योग क्रेडिट पक्ष से अधिक होता है, तो इसका मतलब है कि व्यवसाय ने सकल हानि कमाया है। सकल लाभ या हानि दर्ज करके दोनों पक्षों को बराबर कर दिया जाता है।

Trading Account
of M/s XYZ Company
for the year ending 31st March 2024

ParticularsAmountParticularsAmount
Opening Stock1,00,000/-Direct Trade Income10,00,000/-
Direct Trade Expenses5,00,000/-Closing Stock85,000/-
Gross Profit4,85,000/-
Total10,85,000/- Total10,85,000/-

ये भी पढ़ें:


QNA/FAQ

Q1. क्या होता है जब क्रेडिट पक्ष डेबिट पक्ष से अधिक होता है?

Ans: जब क्रेडिट पक्ष डेबिट पक्ष से अधिक हो जाता है तो व्यवसाय को सकल लाभ होता है।

Q2. डेबिट पक्ष के विवरण खाना में क्या लिखा जाता है?

Ans: डेबिट पक्ष के विवरण खाना में प्रारंभिक स्टॉक, प्रत्यक्ष व्यापार व्यय, सकल लाभ आदि को लिखा जाता है।

Q3. क्या होता है जब डेबिट पक्ष क्रेडिट पक्ष से अधिक होता है?

Ans: जब डेबिट पक्ष क्रेडिट पक्ष से अधिक होता है तो व्यवसाय को सकल हानि होता है।

Q4. क्रेडिट पक्ष के विवरण खाना में क्या लिखा जाता है?

Ans: प्रत्यक्ष व्यापारिक आय, समापन स्टॉक, सकल हानि, आदि को क्रेडिट पक्ष के विवरण खाना में लिखा जाता है।

Q5. व्यापार खाता के खानों (Columns) का नाम लिखें।

Ans: व्यापार खाता प्रारूप के खानें निम्नलिखित हैं:

डेबिट पक्ष (Debit Side)
1. विवरण (Particulars)
2. राशि (Amount)

क्रेडिट पक्ष (Credit Side)
1. विवरण (Particulars)
2. राशि (Amount)

Leave a Reply