एकल प्रविष्टि प्रणाली के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages of Single Entry System)

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एकल प्रविष्टि प्रणाली लेखांकन में एक प्रणाली/अवधारणा/विधि है जिसका उपयोग पुस्तकों में लेनदेन को दर्ज करने के लिए किया जाता है। इसमें लेनदेन को दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की तरह दोहरे पहलू के बजाय एकल पहलू में दर्ज किया जाता है क्योंकि इसका सिद्धांत एकल पहलू पर आधारित है और इसमें सभी लेनदेन को पुस्तकों में दर्ज नहीं किया जाता है।

यह दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की तुलना में आसान और किफायती है जिसके कारण इसका उपयोग छोटे व्यवसायों में अधिक किया जाता है लेकिन यह दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की तरह व्यवस्थित नहीं होने के कारण बड़े व्यवसाय या वे व्यवसाय जो उचित लेखांकन चाहते हैं, इसका उपयोग नहीं करते हैं।

एकल प्रविष्टि प्रणाली का उपयोग करने के कई फायदे और नुकसान हैं जैसे यदि फायदे की बात करें तो इससे समय और लागत की बचत होती है, इसका उपयोग करना आसान है, इसमें किसी विशेषज्ञ की आवश्यकता नहीं होती है, यह छोटे व्यवसाय के लिए फायदेमंद है, आदि और यदि नुकसान की बात करें तो यह व्यवस्थित नहीं है, इसमें त्रुटियों का पता लगाना मुश्किल है, इसमें वित्तीय विवरण तैयार नहीं किया जा सकता है, इसमें पारदर्शिता नहीं है, यह बड़े व्यवसाय के लिए उपयोगी नहीं है, आदि।

एकल प्रविष्टि प्रणाली के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages of Single Entry System)

एकल प्रविष्टि प्रणाली के फायदे (Advantages of Single Entry System)

एकल प्रविष्टि प्रणाली के फायदे निम्नलिखित हैं:

1. आसान (Easy):

यह आसान है क्योंकि इसमें दोहरी प्रविष्टि प्रणाली जैसी उचित लेखांकन प्रणाली का पालन करने की आवश्यकता नहीं होती है और सभी लेन-देन को दर्ज करने की भी आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि यह मुख्य रूप से नकद खाते और व्यक्तिगत खाते से संबंधित लेन-देन का प्रबंधन करता है। इसका उपयोग बुनियादी ज्ञान के साथ किया जा सकता है।

2. किफायती (Economical):

यह लेखांकन की एक किफायती विधि है क्योंकि इसमें पेशेवरों की आवश्यकता नहीं होती है और साथ ही बहुत सारी पुस्तकों को बनाए रखने की भी आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि इसमें केवल कुछ लेनदेन जैसे नकदी से संबंधित, पार्टी से संबंधित, आदि का प्रबंधन किया जाता है।

3. समय की बचत (Time Saving):

इसमें सभी लेन-देन का प्रबंधन नहीं किया जाता है और न ही उचित लेखांकन का पालन किया जाता है, जिसके कारण समय की बचत होती है और लेन-देन का प्रबंधन भी दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की तुलना में जल्दी हो जाता है।

4. विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं (No Expertise Required):

इसमें बुनियादी लेखांकन का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसमें किसी विशेषज्ञता की जरूरत नहीं होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो इसमें दोहरी प्रविष्टि प्रणाली, डेबिट और क्रेडिट का नियम, आदि का ठीक से पालन नहीं किया जाता है, जिसके कारण कोई भी व्यक्ति बुनियादी जानकारी के साथ इसका इस्तेमाल कर सकता है, इसलिए इस विधि में किसी विशेषज्ञता की जरूरत नहीं होती।

5. छोटे व्यवसाय के लिए फायदेमंद (Beneficial for Small Business):

यह आसान होने के साथ-साथ किफायती भी है, जिसके कारण यह छोटे व्यवसायों के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन यह उन व्यवसायों के लिए फायदेमंद नहीं है जो उचित लेखांकन चाहते हैं। इसके इस्तेमाल से समय की भी बचत होती है, जो इसे और खास बनाता है।


एकल प्रविष्टि प्रणाली के नुकसान (Disadvantages of Single Entry System)

एकल प्रविष्टि प्रणाली के नुकसान निम्नलिखित हैं:

1. व्यवस्थित नहीं (Not Systematic):

यह व्यवस्थित नहीं है क्योंकि इसमें उचित लेखांकन जैसे डेबिट और क्रेडिट का नियम, दोहरी प्रविष्टि प्रणाली या लेखांकन प्रक्रिया का उपयोग नहीं किया जाता है। आसान भाषा में कहें तो इसमें जर्नल प्रविष्टि, बही खाता, ट्रायल बैलेंस, वित्तीय विवरण, आदि तैयार नहीं किए जाते हैं।

2. त्रुटियों का पता लगाना कठिन (Difficult to Detect Errors):

इसमें उचित लेखांकन न होने के कारण त्रुटियों का पता लगाना कठिन होता है। उदाहरण के लिए, इसमें ट्रायल बैलेंस तैयार नहीं किया जाता है, जिससे डेबिट और क्रेडिट बैलेंस या अंकगणितीय त्रुटियों का पता लगाना कठिन हो जाता है।

3. अधूरा अभिलेख (Incomplete Record):

इसमें सभी लेन-देन दर्ज नहीं किए जाते और न ही उचित लेखांकन का उपयोग किया जाता है, इसलिए इसमें लेन-देन का अधूरा अभिलेख होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो इसमें लेखांकन प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता, जिसके कारण लेन-देन अधूरे रूप से दर्ज किए जाते हैं।

4. बड़े व्यवसाय के लिए उपयुक्त नहीं (Not Suitable for Large Businesses):

इसमें उचित लेखांकन का उपयोग नहीं किया जाता है जिसके कारण कई प्रकार की लेखांकन रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकती है जो निर्णय लेने, योजना बनाने, आदि प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकती है, इसलिए यह बड़े व्यवसायों के लिए उपयुक्त नहीं है। दूसरा कारण यह है कि यदि व्यवसाय मानदंडों को पूरा करता है तो शासी प्राधिकरण इस पद्धति के उपयोग पर रोक लगाते हैं।

5. कोई वित्तीय विवरण नहीं (No Financial Statement):

इसमें वित्तीय विवरण जैसे व्यापार खाता, लाभ और हानि खाता, बैलेंस शीट, आदि तैयार नहीं किए जाते हैं क्योंकि इसमें उचित लेखांकन जैसे जर्नल प्रविष्टि, बही खाता ट्रायल बैलेंस, आदि तैयार नहीं की जाती है। सरल भाषा में कहें तो इसमें सभी लेन-देन दर्ज नहीं किए जाते हैं और जो लेन-देन दर्ज किए जाते हैं, वे डेबिट और क्रेडिट के नियम, दोहरी प्रविष्टि प्रणाली, आदि के अनुसार दर्ज नहीं किए जाते हैं, जिसके कारण वित्तीय विवरण तैयार नहीं किए जा सकते हैं।


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QNA/FAQ

Q1. एकल प्रविष्टि प्रणाली छोटे व्यवसाय के लिए क्यों लाभदायक है?

Ans: इसमें दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की तरह उचित लेखांकन का उपयोग नहीं किया जाता है, इसलिए यह छोटे व्यवसायों के लिए फायदेमंद है।

Q2. एकल प्रविष्टि प्रणाली किफायती क्यों है?

Ans: इसमें किसी पेशेवर की आवश्यकता नहीं होती और न ही बहुत सारी पुस्तकों के रखरखाव की आवश्यकता होती है, इसलिए यह किफायती है।

Q3. एकल प्रविष्टि प्रणाली को अपूर्ण अभिलेख प्रणाली क्यों कहा जाता है?

Ans: इसमें सभी लेन-देनों का अभिलेखन नहीं किया जाता और न ही उचित लेखांकन प्रक्रिया का पालन किया जाता है, इसीलिए एकल प्रविष्टि प्रणाली को अपूर्ण अभिलेख प्रणाली कहा जाता है।

Q4. एकल प्रविष्टि प्रणाली के फायदे लिखिए।

Ans: एकल प्रविष्टि प्रणाली के फायदे निम्नलिखित हैं:

1. यह आसान है।
2. यह किफायती है।
3. इससे समय की बचत होती है।
4. इसमें विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं होती।
5. यह छोटे व्यवसायों के लिए फायदेमंद है।

Q5. एकल प्रविष्टि प्रणाली के नुकसान लिखिए।

Ans: एकल प्रविष्टि प्रणाली के नुकसान निम्नलिखित हैं:

1. यह व्यवस्थित नहीं है।
2. यह वैज्ञानिक नहीं है।
3. यह बड़े व्यवसायों के लिए उपयुक्त नहीं है।
4. यह वित्तीय विवरण तैयार करने में मदद नहीं करता है।
5. यह अधूरा रिकॉर्ड करता है।
6. इसकी मान्यता कम है।
7. इसमें त्रुटि का पता लगाना मुश्किल है।
8. यह वास्तविक लाभ या हानि नहीं दिखाता है।
9. यह वास्तविक वित्तीय स्थिति, प्रदर्शन आदि नहीं दिखाता है।

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