लेखांकन करने के कई तरीके हैं और हर संगठन अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी तरीका अपना सकता है और इन्हीं तरीकों में से एक है एकल प्रविष्टि प्रणाली। यह दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की तरह ही लेखांकन के लिए एक अवधारणा या प्रणाली है लेकिन इसमें लेन-देन को दोहरी प्रविष्टि का पालन किए बिना ही पुस्तक में दर्ज किया जाता है। इसमें केवल नकदी और व्यक्ति से संबंधित लेन-देन का प्रबंधन किया जाता है, जैसे किससे पैसा लेना है और किसे पैसा देना है, आदि।
पहले के समय में इसका इस्तेमाल अधिक होता था लेकिन जैसे-जैसे लेखांकन क्षेत्र में विकसित हुआ, इसका इस्तेमाल कम होता गया। आजकल ज़्यादातर संगठन वित्तीय लेन-देन को प्रबंध करने के लिए दोहरी प्रविष्टि प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि यह व्यवस्थित और वैज्ञानिक है। ध्यान दें: लेखांकन के लिए किस पद्धति का इस्तेमाल करना है यह संगठन, संगठन की प्रकृति, शासी प्राधिकरण, आदि पर निर्भर कर सकता है।
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एकल प्रविष्टि प्रणाली क्या है? (What is a Single Entry System?)
एकल प्रविष्टि प्रणाली एक अवधारणा या प्रणाली है जिसमें लेनदेन को दोहरे पहलु (डेबिट और क्रेडिट) का पालन किए बिना दर्ज किया जाता है, इसलिए इसे लेखांकन का अपूर्ण रिकॉर्ड भी कहा जाता है। इसका उपयोग अधिकांश छोटे व्यवसायों द्वारा किया जाता है जो उचित लेखांकन का पालन नहीं करते हैं और यह दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की तुलना में किफायती और प्रबंधन में आसान है।
इसमें उचित लेखांकन का पालन न करने के कारण यह सामान्यतः स्वीकृत लेखांकन सिद्धांतों (GAAP) द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है और बड़े संगठन इसका उपयोग लेखांकन के लिए नहीं कर सकते हैं क्योंकि इसमें जर्नल प्रविष्टियाँ, बही खाता, ट्रायल बैलेंस, लाभ और हानि खाता, बैलेंस शीट, आदि तैयार नहीं किए जाते हैं और इसमें त्रुटियाँ ढूंढना बहुत कठिन होता है और इसमें हेराफेरी करना आसान होता है।
एकल प्रविष्टि प्रणाली की विशेषताएं (Features of Single Entry System)
एकल प्रविष्टि प्रणाली की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. अवधारणा (Concept):
यह एक अवधारणा है जिसका उपयोग लेनदेन को दर्ज करने के लिए किया जाता है और यह दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की तरह ही है। इसके अनुसार, लेन -देन को पुस्तक में दोहरी प्रविष्टि के बिना ही दर्ज किया जाता है। आसान भाषा में कहें तो, इसमें डेबिट और क्रेडिट का पालन किए बिना ही लेनदेन को दर्ज किया जाता है।
2. एकल प्रविष्टि (Single Entry):
इसमें लेन -देन को दर्ज करने के लिए केवल एक प्रविष्टि पारित की जाती है, इसलिए इसे एकल प्रविष्टि प्रणाली कहा जाता है। उदाहरण के लिए, नकद भुगतान को नकद से घटा दिया जाता है और नकद प्राप्ति को नकद में जोड़ दिया है। इसमें दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की तरह जर्नल प्रविष्टि पारित नहीं की जाती है।
3. व्यवस्थित नहीं (Not Systematic):
यह दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की तरह व्यवस्थित नहीं है क्योंकि इसमें लेनदेन को दर्ज करने के लिए किसी व्यवस्थित सिद्धांत, नियम, आदि का उपयोग नहीं किया जाता है। इसमें लेनदेन को किसी भी माध्यम से प्रबंधित किया जा सकता है क्योंकि इसमें लेनदेन को दर्ज करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
4. आसान (Easy):
इस प्रणाली के माध्यम से लेन-देन को दर्ज करना आसान है क्योंकि इसमें किसी सिद्धांत, नियम आदि के ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती है, सारा काम सिर्फ बुनियादी ज्ञान से हो जाता है। अगर हम इसकी तुलना दोहरी प्रविष्टि प्रणाली से करें तो यह उससे कहीं ज्यादा आसान है।
5. किफायती (Economical):
यह लेनदेन को दर्ज करने का एक किफ़ायती तरीका है क्योंकि इसमें किसी विशेषज्ञ की आवश्यकता नहीं होती है और न ही बहुत सारी पुस्तकें रखने की आवश्यकता होती है। इसमें बुनियादी जानकारी रखने वाला व्यक्ति भी लेनदेन को दर्ज कर सकता है और सिर्फ़ कुछ पुस्तकें रखने की ज़रूरत होती है जैसे नकद बही, आदि।
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QNA/FAQ
Q1. एकल प्रविष्टि प्रणाली क्या है?
Ans: एकल प्रविष्टि प्रणाली एक अवधारणा या प्रणाली है जिसमें लेनदेन को दोहरे पहलु (डेबिट और क्रेडिट) का पालन किए बिना दर्ज किया जाता है।
Q2. क्या एकल प्रविष्टि प्रणाली किफायती है?
Ans: हां, एकल प्रविष्टि प्रणाली किफायती है।
Q3. एकल प्रविष्टि प्रणाली को अन्य किस नाम से भी जाना जाता है?
Ans: एकल प्रविष्टि प्रणाली को लेखांकन का अपूर्ण रिकॉर्ड के नाम से भी जाता है।
Q4. क्या यह सच है कि एकल प्रविष्टि प्रणाली दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की तुलना में आसान नहीं है?
Ans: नहीं, यह गलत है क्योंकि एकल प्रविष्टि प्रणाली दोहरी प्रविष्टि प्रणाली से सरल है
Q5. एकल प्रविष्टि प्रणाली की विशेषताएं लिखिए।
Ans: एकल प्रविष्टि प्रणाली की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. यह एक अवधारणा या प्रणाली है।
2. यह केवल एक ही प्रविष्टि दर्ज करता है।
3. यह एक किफायती विधि है।
4. यह एक आसान विधि है।
5. यह व्यवस्थित और वैज्ञानिक नहीं है।
6. इसमें त्रुटि का पता लगाना कठिन है।
7. इसमें बैलेंस शीट नहीं बनाता है।
8. इसमें हेरफेर करना आसान है।