लेखांकन कोई असाधारण शब्द नहीं है, यह एक सामान्य शब्द है क्योंकि इसका प्रयोग हर जगह किया जाता है, जहां भी आर्थिक गतिविधि होती है वहां लेखांकन का प्रयोग स्वतः ही हो जाता है। लेखांकन में सभी आर्थिक गतिविधियाँ शामिल हैं जैसे लेन-देन की रिकॉर्डिंग (Recording of Transactions), लेन-देन की प्रसंस्करण (Processing of Transactions), और लेन-देन के परिणाम (Outcome of Transactions), आदि।
लेखांकन का उपयोग छोटे व्यवसाय, बड़े व्यवसाय यहाँ तक कि व्यक्तिगत जीवन में भी हर जगह किया जाता है। उदाहरण के लिए, पैसा कहाँ से लेना है, पैसा कहाँ देना है, कितना पैसा किसे देना या लेना है, किसी चीज़ को कितने में बेचने या खरीदने से कितना लाभ या हानि होगी, आदि सभी लेखांकन के अंतर्गत आते हैं। ऊपर दिए गए कुछ उदाहरणों का प्रयोग हम कभी न कभी किसी न किसी रूप में करते ही रहते हैं, भले ही हम ऐसा अनजाने में ही करते हों।
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लेखांकन (Accounting) क्या है?
लेखांकन का अर्थ (Meaning of Accounting):
लेखांकन का अर्थ है आर्थिक लेनदेन का प्रबंधन करना और इसमें आर्थिक लेनदेन की पहचान करना (Identifying), मापना (Measuring), रिकॉर्ड करना (Recording), वर्गीकृत करना (Classifying), संक्षेप करना (Summarizing), विश्लेषण करना (Analyzing), व्याख्या करना (Interpreting)और संचार करना (Communicating) आदि शामिल है। लेखांकन प्रबंधन के सबसे महत्वपूर्ण मौलिक कार्यों में से एक है क्योंकि प्रत्येक आर्थिक चीज़ का मूल्यांकन और प्रबंधन संख्याओं द्वारा किया जाता है और संख्याओं का लेखांकन से सीधा संबंध होता है।
छोटे व्यवसाय या व्यक्ति लेखांकन स्वयं कर लेते हैं या एकाउंटेंट को नियुक्त करते हैं, लेकिन बड़े व्यवसाय या बड़े पैमाने के व्यवसाय अलग-अलग विभाग बनाते हैं जिन्हें लेखांकन विभाग के रूप में जाना जाता है और उनमें में उच्च योग्य व्यक्तियों को नियुक्त करते हैं।
लेखांकन की परिभाषा (Definition of Accounting):
लेखा मानक परिषद (ASC) के अनुसार – “लेखांकन एक सेवा गतिविधि है और इसका कार्य आर्थिक संस्थाओं के बारे में मात्रात्मक जानकारी, मुख्य रूप से वित्तीय प्रकृति की जानकारी प्रदान करना है, जिसका उद्देश्य आर्थिक निर्णय लेने में उपयोगी होना है।”
According to the Accounting Standards Council (ASC) – “Accounting is a service activity, and Its function is to provide quantitative information, primarily financial in nature, about economic entities, that is intended to be useful in making economic decisions.”
बर्मन और ड्रेबिन के अनुसार – “लेखांकन को वित्तीय जानकारी की पहचान, माप, रिकॉर्डिंग और संचार के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।”
According to Bierman and Drebin – “Accounting may be defined as identifying, measuring, recording and communicating of financial information.”
रॉबर्ट एन एंथोनी के अनुसार – “लेखा प्रणाली व्यवसाय के बारे में मौद्रिक संदर्भ में जानकारी एकत्र करने, सारांशित करने, विश्लेषण करने और रिपोर्ट करने का एक साधन है”।
According to Robert N. Anthony – “Accounting system is a means of collecting, summarizing, analyzing and reporting, in monetary terms the information about the business”.
लेखांकन की विशेषताएं (Features of Accounting)
लेखांकन की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. आर्थिक गतिविधि (Economic Activity):
लेखांकन एक आर्थिक गतिविधि है क्योंकि इसमें केवल आर्थिक लेनदेन या मौद्रिक लेनदेन शामिल होते हैं। आर्थिक गतिविधि का अर्थ है धन से संबंधित गतिविधि या ऐसी गतिविधि जिसे धन में परिवर्तित किया जा सके। उदाहरण के लिए वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री और खरीद, भुगतान करना और भुगतान प्राप्त करना, आदि।
2. प्रक्रिया (Process):
लेखांकन आर्थिक लेनदेन को प्रबंधित करने की एक प्रक्रिया है और इसमें आर्थिक लेनदेन की पहचान करना, मापना, रिकॉर्ड करना, वर्गीकृत करना, सारांशित करना, विश्लेषण करना, व्याख्या करना और संचार करना आदि शामिल है।
3. सार्वभौमिक (Universal):
लेखांकन सार्वभौमिक है क्योंकि हर कोई जाने-अनजाने इसका उपयोग हर जगह करता है। उदाहरण के लिए आर्थिक लेनदेन जैसे खरीदना, बेचना, भुगतान करना, प्राप्त करना, गणना करना, बचत करना आदि का प्रबंधन करना।
4. निरन्तर (Continuous):
लेखांकन की प्रकृति निरन्तर है क्योंकि इसका प्रयोग केवल एक बार नहीं किया जाता, इसका प्रयोग वस्तु के अस्तित्व तक निरन्तर किया जाता है। उदाहरण के लिए, लेखांकन का उपयोग व्यवसाय में उसकी शुरुआत से लेकर उसके अस्तित्व तक किया जाता है।
5. साक्ष्यात्मक मूल्य (Evidential Value):
लेखांकन का साक्ष्यात्मक मूल्य होता है क्योंकि लेखांकन व्यवस्थित होता है और यह कानून के समक्ष मान्य होता है। इसका साक्ष्यात्मक महत्व होने का एक अन्य कारण यह है कि यह लिखित और संगठित रूप में होता है। उदाहरण के लिए लेनदेन, जर्नल प्रविष्टि, बही खाता, बैलेंस शीट, आदि।
6. लचीला (Flexible):
लेखांकन की प्रकृति लचीली होती है क्योंकि यह वातावरण के अनुसार बदलती रहती है। लेखांकन में लचीलेपन का मुख्य कारण आंतरिक और बाह्य नीति (Internal and External Policy) है, आंतरिक नीति का अर्थ है स्वयं और बाह्य नीति का अर्थ है बाहरी व्यक्ति जैसे सरकारी या गैर-सरकारी लेकिन मूलभूत सिद्धांत तब तक नहीं बदलते जब तक पर्यावरण मूलभूत सिद्धांत को प्रभावित नहीं करता।
7. पूर्वानुमान (Forecasting):
लेखांकन पूर्वानुमान लगाने में मदद करता है क्योंकि पूर्वानुमान लगाते समय लेखांकन डेटा का भी उपयोग किया जाता है। डेटा के बिना पूर्वानुमान अप्रासंगिक (Irrelevant) है क्योंकि आधार (Ground/Base) का उपयोग किए बिना सटीक पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है
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QNA/FAQ
Q1. लेखांकन (Accounting) क्या है?
Ans: लेखांकन का अर्थ है आर्थिक लेनदेन का प्रबंधन करना और इसमें आर्थिक लेनदेन की पहचान करना (Identifying), मापना (Measuring), रिकॉर्ड करना (Recording), वर्गीकृत करना (Classifying), संक्षेप करना (Summarizing), विश्लेषण करना (Analyzing), व्याख्या करना (Interpreting)और संचार करना (Communicating) आदि शामिल है।
Q2. क्या लेखांकन का साक्ष्यात्मक मूल्य है?
Ans: हाँ, लेखांकन का साक्ष्यात्मक मूल्य होता है क्योंकि लेखांकन व्यवस्थित होता है और यह कानून के समक्ष मान्य होता है।
Q3. क्या लेखांकन एक आर्थिक गतिविधि है?
Ans: हाँ, लेखांकन एक आर्थिक गतिविधि है क्योंकि इसमें केवल आर्थिक लेनदेन या मौद्रिक लेनदेन शामिल होते हैं।
Q4. क्या लेखांकन का प्रयोग सार्वभौमिक रूप से किया जाता है?
Ans: हाँ, लेखांकन का उपयोग सार्वभौमिक रूप से किया जाता है क्योंकि हर कोई जाने-अनजाने में इसका उपयोग हर जगह करता है।
Q5. लेखांकन की विशेषताएं लिखिए।
Ans: लेखांकन की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. लेखांकन एक आर्थिक गतिविधि है।
2. लेखांकन एक प्रक्रिया है।
3. लेखांकन सार्वभौमिक है।
4. लेखांकन एक सतत प्रक्रिया है।
5. लेखांकन का साक्ष्यात्मक मूल्य होता है।
6. लेखांकन लचीला है।
7. लेखांकन पूर्वानुमान लगाने में सहायता करता है।