हिसाब-किताब की प्रक्रिया (Process of Book-keeping)

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आर्थिक लेनदेन का प्रबंधन किसी भी व्यवसाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि लेनदेन प्रबंधन के बिना, व्यवसाय लेखांकन रिपोर्ट तैयार नहीं कर सकता है जिसके कारण यह जानना संभव नहीं होगा कि व्यवसाय लाभ कमा रहा है या हानि, व्यवसाय की स्थिति क्या है, आदि, इसीलिए व्यवसाय में आर्थिक लेनदेन को प्रबंधित करने के लिए हिसाब-किताब का उपयोग किया जाता है। किस स्तर का उपयोग करना है यह व्यवसाय की प्रकृति पर निर्भर करता है।

लेखांकन में लेनदेन को व्यवस्थित रूप से प्रबंधित करने के लिए कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है जैसे लेनदेन की पहचान करना, लेनदेन को मापना, लेनदेन को रिकॉर्ड करना, लेनदेन को वर्गीकृत करना, लेनदेन को सारांशित करना, आदि। आमतौर पर हिसाब-किताब का प्रबंधन मुनीम (Book-keeper) द्वारा किया जाता है, लेकिन कुछ मामलों में लेखाकार (Accountant) भी हिसाब-किताब का प्रबंधन करते हैं।

Process of Book-keeping

हिसाब-किताब की प्रक्रिया (Process of Book-keeping)

हिसाब-किताब की प्रक्रिया निम्नलिखित हैं:

1. पहचान करना (Identifying):

हिसाब-किताब की पहली प्रक्रिया व्यावसायिक लेनदेन की पहचान करना है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य व्यवसाय और मौद्रिक लेनदेन की पहचान करना और उन लेनदेन को बाहर करना है जो व्यवसाय और मौद्रिक से संबंधित नहीं हैं। इस प्रक्रिया को किए बिना आगे की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती क्योंकि ऐसा करने से भविष्य में परेशानी हो सकती है।

2. मापना (Measuring):

लेनदेन की पहचान करने के बाद, अगली प्रक्रिया पहचाने गए लेनदेन को मापना है क्योंकि कभी-कभी व्यवसाय अन्य देशों के साथ लेनदेन करते हैं जिसके परिणामस्वरूप मुद्रा विनिमय (Currency Exchange) होता है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य लेनदेन की मुद्रा को देश/हिसाब-किताब की मुद्रा के अनुसार परिवर्तित करना है।

3. रिकॉर्डिंग करना (Recording):

एक बार लेनदेन की पहचान और माप हो जाने के बाद, अगली प्रक्रिया उन लेनदेन को रिकॉर्ड करना है। इस प्रक्रिया में जर्नल की अवधारणा की सहायता से जर्नल बुक में जर्नल प्रविष्टि पारित की जाती है। इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए जर्नल बुक को कई भागों में विभाजित किया जा सकता है, यह पूरी तरह से व्यवसाय पर निर्भर करता है।

4. वर्गीकृत करना (Classifying):

जब लेनदेन की रिकॉर्डिंग हो जाती है तो अगली प्रक्रिया जर्नल बुक में दर्ज लेनदेन को बही खाते में वर्गीकृत करना होता है। इस प्रक्रिया में, प्रत्येक प्रमुख (Head) के लिए एक खाता बनाया जाता है और उनसे संबंधित लेनदेन को उन खातों में दर्ज किया जाता है। उदाहरण के लिए, बिक्री प्रविष्टियाँ बिक्री खाता में दर्ज की जाती हैं, खरीद प्रविष्टियाँ खरीद खाता में दर्ज की जाती हैं, आदि।

5. सारांश करना (Summarizing):

सारांश करना हिसाब-किताब की अंतिम प्रक्रिया है और सभी महत्वपूर्ण रिपोस्ट और विवरण इस प्रक्रिया के तहत बनाए जाते हैं जैसे ट्रायल बैलेंस, व्यापार खाता, लाभ और हानि खाता, बैलेंस शीट, इत्यादि। जब जर्नल प्रविष्टि का वर्गीकरण हो जाता है तो सारांश की प्रक्रिया शुरू होती है।


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QNA/FAQ

Q1. मापने की प्रक्रिया में क्या किया जाता है?

Ans: मापने की प्रक्रिया में, लेनदेन को संबंधित मुद्रा में मापा जाता है ताकि उन्हें संबंधित पुस्तकों में दर्ज किया जा सके।

Q2. सारांश प्रक्रिया कब की जाती है?

Ans: जब वर्गीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाती है तब सारांश की प्रक्रिया की जाती है।

Q3. जर्नल का उपयोग किस प्रक्रिया में किया जाता है?

Ans: जर्नल का उपयोग रिकॉर्डिंग प्रक्रिया में किया जाता है।

Q4. बही का उपयोग किस प्रक्रिया में किया जाता है?

Ans: वर्गीकरण प्रक्रिया में बही का उपयोग किया जाता है।

Q5. हिसाब-किताब की प्रक्रिया लिखिए।

Ans: हिसाब-किताब की प्रक्रिया निम्नलिखित है:

1. पहचान करना (Identifying)
2. मापना (Measuring)
3. रिकॉर्डिंग करना (Recording)
4. वर्गीकृत करना (Classifying)
5. सारांश करना (Summarizing)

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