व्यवसाय में मुख्य रूप से दो पक्ष होते हैं, एक क्रेता और दूसरा विक्रेता। क्रेता, विक्रेता से वस्तुएं और सेवाएं खरीदता है और विक्रेता, क्रेता को वस्तुएं और सेवाएं बेचता है। जब वस्तुओं और सेवाओं का लेन-देन होता है तो कुछ कमियाँ, शर्तें आदि हो सकती हैं, ऐसी स्थिति में जब तक सभी कमियाँ, शर्तें आदि पूरी नहीं हो जातीं, तब तक लेन-देन पूरा नहीं होता है। इस स्थिति को हल करने के लिए लेखांकन में डेबिट नोट और क्रेडिट नोट का उपयोग किया जाता है। इसके उपयोग से दोनों पक्षों के बीच लेखांकन संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
मुख्य रूप से डेबिट नोट और क्रेडिट नोट का उपयोग वापसी (Returns) और समायोजन (Adjustments) को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है। वापसी में बिक्री वापसी, खरीद वापसी और समायोजन में बिक्री समायोजन, खरीद समायोजन, प्रस्ताव (Offer) समायोजन, आदि शामिल हैं। इसकी मदद से दोनों पक्षों के खातों का प्रबंधन किया जा सकता है। यदि क्रेता को किसी कारण से वस्तुएं और सेवाएं वापस करनी होती हैं, तो वह डेबिट नोट का उपयोग करता है और खरीदार इसके बदले में क्रेडिट नोट जारी करता है। यदि एक पक्ष डेबिट नोट जारी करता है, तो यह दूसरे पक्ष के लिए क्रेडिट नोट बन जाता है और इसके विपरीत।
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डेबिट नोट और क्रेडिट नोट (Debit Note and Credit Note)
डेबिट नोट और क्रेडिट नोट का वर्णन नीचे किया गया है:
डेबिट नोट (Debit Note)
डेबिट नोट एक दस्तावेज़ है जिसका उपयोग किसी पक्ष के खाता को डेबिट करने के लिए किया जाता है। डेबिट नोट और क्रेडिट नोट की अवधारणा और दोहरी प्रविष्टि प्रणाली के कारण, यदि एक पक्ष डेबिट नोट जारी करता है तो यह दूसरे पक्ष के लिया क्रेडिट नोट बन जाता है और इसके विपरीत। डेबिट नोट कब जारी करना है यह पूरी तरह से लेनदेन की प्रकृति पर निर्भर करता है। जब भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जहां पक्ष के खाता को डेबिट करने की आवश्यकता हो तो डेबिट नोट का उपयोग किया जा सकता है। किस खाता का डेबिट पक्ष सकारात्मक या नकारात्मक होगा यह खाता की प्रकृति पर निर्भर करता है।
डेबिट नोट (DEBIT NOTE) |
यदि खरीदार द्वारा डेबिट नोट जारी किया जाता है |
तब वह डेबिट नोट विक्रेता के लिए क्रेडिट नोट बन जाता है |
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 34 की उपधारा (3) के अनुसार, “डेबिट नोट का अर्थ एक पंजीकृत व्यक्ति द्वारा जारी किया गया दस्तावेज़ है”
According to subsection (3) of section 34 of The Central Goods and Services Tax Act, 2017, “Debit note means a document issued by a registered person.”
क्रेडिट नोट (Credit Note)
क्रेडिट नोट एक दस्तावेज़ है जिसका उपयोग किसी पक्ष के खाता को क्रेडिट करने के लिए किया जाता है। क्रेडिट नोट कब जारी करना है यह लेनदेन की प्रकृति पर निर्भर करता है। डेबिट नोट और क्रेडिट नोट की अवधारणा और दोहरी प्रविष्टि प्रणाली के कारण, यदि एक पक्ष क्रेडिट नोट जारी करता है तो यह दूसरे पक्ष के लिए डेबिट नोट बन जाता है और इसके विपरीत। जब भी किसी पार्टी के खाता को क्रेडिट की आवश्यकता हो तो क्रेडिट नोट का उपयोग किया जा सकता है। किस खाता का क्रेडिट पक्ष सकारात्मक या नकारात्मक होगा यह खाता की प्रकृति पर निर्भर करता है।
क्रेडिट नोट (CREDIT NOTE) |
यदि विक्रेता द्वारा क्रेडिट नोट जारी किया जाता है |
तब वह क्रेडिट नोट खरीदार के लिए डेबिट नोट बन जाता है |
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 34 की उपधारा (1) के अनुसार, “क्रेडिट नोट का अर्थ किसी पंजीकृत व्यक्ति द्वारा जारी किया गया दस्तावेज़ है”
According to subsection (1) of section 34 of the Central Goods and Services Tax Act, 2017, “Credit note means a document issued by a registered person.”
डेबिट नोट और क्रेडिट नोट कब जारी किया जाता है? (When are debit note and credit note issued?)
डेबिट नोट और क्रेडिट नोट निम्नलिखित मामलों में जारी किए जाते हैं:
1. वापसी (Returns):
वापसी में, खरीद वापसी और बिक्री वापसी शामिल हैं। प्रत्येक व्यवसाय को किसी न किसी कारण से कभी न कभी वस्तुओं और सेवाओं को वापस करना पड़ सकता है। वस्तुओं और सेवाओं को खरीदार द्वारा लौटाया जा सकता है या विक्रेता द्वारा वापस मगाया जा सकता है। जब खरीदार वस्तुओं और सेवाओं को लौटाता है, तो वह एक डेबिट नोट जारी करता है क्योंकि खरीदते समय उसने दूसरे पक्ष को क्रेडिट किया होगा इसी तरह, जब विक्रेता वस्तुओं और सेवाओं को वापस मगाता है, तो वह एक क्रेडिट नोट जारी करता है क्योंकि बेचते समय उसने दूसरे पक्ष को डेबिट किया होगा।
2. समायोजन (Adjustments):
समायोजन में बिक्री समायोजन, खरीद समायोजन, प्रस्ताव समायोजन आदि शामिल हैं। समायोजन क्रेता और विक्रेता द्वारा किया जा सकता है। डेबिट नोट और क्रेडिट नोट का उपयोग कब करना है यह लेनदेन की प्रकृति पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई विक्रेता वस्तुओं और सेवाओं की खरीदारी पर कोई प्रस्ताव (Offer) देता है या एक लक्ष्य देता है, तो वह सफल लेनदेन के बाद एक क्रेडिट नोट जारी करता है। विक्रेता द्वारा जारी किया गया क्रेडिट नोट खरीदार के लिए डेबिट नोट बन जाता है और इसके विपरीत। यदि डेबिट समायोजन करना हो तो डेबिट नोट जारी किया जाता है और यदि क्रेडिट समायोजन करना हो तो क्रेडिट नोट जारी किया जाता है।
3. त्रुटि (Error):
लेनदेन दस्तावेज़ में कोई त्रुटि होने पर डेबिट नोट और क्रेडिट जारी किए जा सकते हैं। लेन-देन दस्तावेज़ में राशि त्रुटि, कर त्रुटि, मात्रा त्रुटि आदि शामिल हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी क्रेता ने विक्रेता से वस्तुएं खरीदा है, लेकिन लेनदेन दस्तावेज़ में कर सही ढंग से नहीं लगाया गया है, तो इस स्थिति में डेबिट नोट और क्रेडिट नोट जारी किया जा सकता है। कौन डेबिट नोट जारी करेगा और कौन क्रेडिट नोट जारी करेगा यह लेनदेन की प्रकृति पर निर्भर करता है। इसके प्रयोग से मूल दस्तावेज़ के साथ छेड़छाड़ करने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि सभी परिवर्तन इसके माध्यम से ही हो जाते हैं।
ध्यान दें: डेबिट नोट और क्रेडिट नोट अन्य मामलों में भी जारी किए जा सकते हैं।
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QNA/FAQ
Q1. डेबिट नोट क्या है?
Ans: डेबिट नोट एक दस्तावेज़ है जिसका उपयोग किसी पक्ष के खाता को डेबिट करने के लिए किया जाता है।
Q2. क्रेडिट नोट क्या है?
Ans: क्रेडिट नोट एक दस्तावेज़ है जिसका उपयोग किसी पक्ष के खाता को क्रेडिट करने के लिए किया जाता है।
Q3. क्या बिक्री वापसी क्रेडिट नोट के माध्यम से किया जाता है?
Ans: हाँ, बिक्री वापसी क्रेडिट नोट के माध्यम से किया जाता है।
Q4. क्या डेबिट नोट और क्रेडिट नोट विपरीत (vice-versa) आधार पर जारी किए जाते हैं?
Ans: हाँ, डेबिट नोट और क्रेडिट नोट विपरीत आधार पर जारी किए जाते हैं।
Q5. क्या खरीद वापसी डेबिट नोट के माध्यम से किया जाता है?
Ans: हाँ, खरीद वापसी डेबिट नोट के माध्यम से किया जाता है।
Q6. डेबिट नोट और क्रेडिट नोट कब जारी किया जाता है?
Ans: डेबिट नोट और क्रेडिट नोट निम्नलिखित मामलों में जारी किए जाते हैं:
1. डेबिट नोट और क्रेडिट नोट खरीद वापसी और बिक्री वापसी में जारी किए जाते हैं।
2. डेबिट नोट और क्रेडिट नोट बिक्री समायोजन, खरीद समायोजन, प्रस्ताव समायोजन आदि में जारी किए जाते हैं।
3. डेबिट नोट और क्रेडिट नोटलेन-देन के दस्तावेज़ों में कोई त्रुटि होने पर जारी किए जाते हैं।