आपूर्ति (Supply) क्या है? अर्थ, परिभाषा और इसके निर्धारक।

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आपूर्ति को समझने से पहले हमें स्टॉक शब्द को समझना होगा।

स्टॉक (Stock): आमतौर पर स्टॉक और आपूर्ति का मतलब एक ही माना जाता है, लेकिन ये एक दूसरे से अलग हैं। स्टॉक का अर्थ किसी वस्तु की कुल मात्रा से है जो बाजार में किसी भी समय विक्रेता के पास उपलब्ध होती है और आपूर्ति का मतलब वह स्टॉक है जिसे विक्रेता बाजार में बेचने के लिए तैयार होता है।

आपूर्ति अर्थशास्त्र की एक बहुत ही महत्वपूर्ण मूलभूत अवधारणा है क्योंकि आपूर्ति अर्थव्यवस्था को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। जितनी अधिक मांग और आपूर्ति बढ़ती है, उतनी ही अधिक अर्थव्यवस्था भी बढ़ती है, यही कारण है कि हर देश मांग और आपूर्ति बढ़ाने पर अधिक जोर देती है।

What is supply? Meaning, definition and its determinants.

आपूर्ति क्या है? (What is Supply?)

आपूर्ति का अर्थ (Meaning of Supply)

आपूर्ति का अर्थ किसी वस्तु की वह मात्रा है जिसे विक्रेता एक विशिष्ट समय पर एक विशिष्ट कीमत पर बेचने को तैयार है। यदि विक्रेता खरीदार को उत्पाद नहीं बेचना चाहता, भले ही उसके पास उत्पाद का स्टॉक हो, तो इसे आपूर्ति नहीं कहा जाएगा, आपूर्ति केवल तभी कहा जाएगा जब विक्रेता स्वेच्छा से खरीदारों को उत्पाद बेचने में रुचि रखेगा।

उत्पाद की आपूर्ति पूरी तरह से बाजार की स्थिति जैसे विक्रेता की रुचि, खरीदार की रुचि, सरकारी नीति, निर्माता की उपलब्धता, कच्चे माल की उपलब्धता आदि पर निर्भर करती है।


आपूर्ति की परिभाषा (Definition of Supply):

मैककोनेल के अनुसार – “आपूर्ति को एक अनुसूची के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो किसी उत्पाद की विभिन्न मात्रा को दर्शाता है जिसे एक विशेष विक्रेता तैयार करता है और उत्पादन करने में सक्षम होता है और संभावित कीमतों के एक समूह में प्रत्येक विशिष्ट कीमत पर बाजार में बिक्री के लिए दी गई अवधि में उपलब्ध कराता है।”

According to McConnell – “Supply may be defined as a schedule which shows the various amounts of a product which a particular seller is willing and able to produce and make available for sale in the market at each specific price in a set of possible prices during a given period.”

सी. आर. मैककोनेल और एस. एल. ब्रू के अनुसार – “आपूर्ति एक ऐसा पैमाना है जो किसी वस्तु या सेवा की मात्रा को दर्शाता है जिसे विक्रेता कुछ समय के लिए अलग-अलग कीमतों पर बाजार में बिक्री के लिए पेश करते हैं।”

According to C. R. McConnell and S. L. Brue – “a supply is a scale showing the amount of a good or service that sellers offer for sale in the market at different prices for a while.”

अनातोल मुराद के अनुसार – “आपूर्ति का तात्पर्य किसी दिए गए बाजार में, किसी निश्चित समय पर, किसी दिए गए मूल्य पर बिक्री के लिए पेश की गई वस्तु की मात्रा से है।”

According to Anatol Murad – “Supply refers to the quantity of a commodity offered for sale at a given price, in a given market, at a given time.”

प्रोफ़ेसर बेन्हम के अनुसार – “आपूर्ति का मतलब समय की प्रति इकाई बिक्री के लिए दी जाने वाली राशि से हो सकता है।”

According to Professor Benham – “Supply may mean the amount offered for sale per unit of time.”


आपूर्ति के तत्व (Elements of Supply)

आपूर्ति के तत्व निम्नलिखित हैं:

  • विक्रेता की उपलब्धता (Availability of seller)
  • स्टॉक की उपलब्धता (Availability of stock)
  • बेचने की इच्छा (Willingness to sell)
  • बेचने की क्षमता (Ability to sell)
  • बेचने के लिए तैयार (Ready to sell)
  • विशिष्ट कीमत, समय और स्थान (At specific price, time and place) आदि।

आपूर्ति के निर्धारक (Determinants of supply)

विभिन्न कारक आपूर्ति को निर्धारित करते हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

1. वस्तु की कीमत (Price of Commodity):

किसी वस्तु की कीमत और उसकी आपूर्ति के बीच सीधा संबंध होता है क्योंकि यदि किसी वस्तु की कीमत बढ़ती है तो उस वस्तु की आपूर्ति भी बढ़ जाती है। इसी प्रकार, जब किसी वस्तु की कीमत घटती है, तो वस्तु की आपूर्ति भी घट जाती है।

यदि संबंधित वस्तु की कीमत बढ़ जाती है तो उस वस्तु की आपूर्ति भी बढ़ जाती है क्योंकि विक्रेता उस वस्तु की अधिक आपूर्ति करने का प्रयास करता है जिसकी कीमत बढ़ गई है क्योंकि अधिक कीमत वाली वस्तु पर विक्रेता को कम कीमत वाली वस्तु की तुलना में अधिक लाभ मिलता है।

3. प्रौद्योगिकी में परिवर्तन (Change in Technology):

तकनीकी परिवर्तन का प्रभाव आपूर्ति पर भी पड़ता है क्योंकि जैसे-जैसे तकनीक बदलती रहती है, उत्पादन की दक्षता भी बढ़ती रहती है जिससे उत्पादन की लागत भी कम हो जाती है और आपूर्ति भी बढ़ जाती है।

4. फर्मों की संख्या (Number of Firms):

यदि फर्मों की संख्या बढ़ती है तो वस्तुओं की आपूर्ति भी बढ़ जाती है क्योंकि अधिक फर्में होने से वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ जाती है। इसी प्रकार, यदि फर्मों की संख्या घटती है तो वस्तुओं की आपूर्ति भी कम हो जाती है क्योंकि कम फर्में होने से वस्तुओं की आपूर्ति कम हो जाती है।

5. फर्म के लक्ष्य/उद्देश्य (Goals/Objectives of the Firm):

फर्म का उद्देश्य भी आपूर्ति को प्रभावित करता है। यदि फर्म का उद्देश्य अधिक लाभ कमाना है तो फर्म वस्तुओं को अधिक कीमत पर बेचने के लिए बाजार में आपूर्ति में कमी पैदा करती है। इसी प्रकार, यदि फर्म का उद्देश्य बिक्री बढ़ाना है, तो फर्म बाजार में भारी आपूर्ति प्रदान करती है और बाजार में कम कीमत पर भी सामान बेचती है।

6. सरकारी नीति (Government Policy):

सरकारी नीति भी आपूर्ति को प्रभावित करती है क्योंकि व्यवसाय सरकार द्वारा शासित होता है। यदि बाजार में आपूर्ति बढ़ानी हो तो सरकार व्यवसाय को कुछ छूट देती है, इसी प्रकार यदि बाजार में आपूर्ति कम करनी हो तो सरकार व्यवसाय पर सख्ती करती है। जैसे कर, प्रमाणन, नियम और विनियम आदि।

7. अपेक्षाएं (Expectations):

यदि किसी वस्तु की कीमत भविष्य में बढ़ने की उम्मीद होती है, तो विक्रेता अभी उस वस्तु की आपूर्ति कम कर देता है और कीमत बढ़ने पर उस वस्तु की आपूर्ति बढ़ा देता है। इसी प्रकार, यदि भविष्य में वस्तु की कीमत कम होने की संभावना होती है तो विक्रेता अभी वस्तु की आपूर्ति बढ़ा देता है और कीमत घटने पर उस वस्तु की आपूर्ति कम कर देता है।

8. सब्सिडी (Subsidy):

सब्सिडी भी आपूर्ति को प्रभावित करती है क्योंकि सरकार बाजार का प्रबंधन करने के लिए सब्सिडी का उपयोग करती है। यदि सरकार को विशेष वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाने की आवश्यकता होती है तो सरकार उन वस्तुओं पर सब्सिडी प्रदान करती है, इसी प्रकार यदि सरकार को विशेष वस्तुओं की आपूर्ति कम करने की आवश्यकता होती है तो सरकार उन वस्तुओं पर अधिक कर लगाती है।


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QNA/FAQ

Q1. आपूर्ति क्या है?

Ans: आपूर्ति का अर्थ किसी वस्तु की वह मात्रा है जिसे विक्रेता एक विशिष्ट समय पर एक विशिष्ट कीमत पर बेचने को तैयार है।

Q2. आपूर्ति के तत्व लिखिए।

Ans: आपूर्ति के तत्व निम्नलिखित हैं:

1. विक्रेता की उपलब्धता (Availability of seller)
2. स्टॉक की उपलब्धता (Availability of stock)
3. बेचने की इच्छा (Willingness to sell)
4. बेचने की क्षमता (Ability to sell)
5. बेचने के लिए तैयार (Ready to sell)
6. विशिष्ट कीमत, समय और स्थान (At specific price, time and place) आदि।

Q3. आपूर्ति के निर्धारक लिखिए।

Ans: आपूर्ति के निर्धारक निम्नलिखित हैं:

1. वस्तु की कीमत (Price of Commodity)
2. संबंधित वस्तु की कीमत (Price of Related Commodity)
3. प्रौद्योगिकी में परिवर्तन (Change in Technology)
4. फर्मों की संख्या (Number of Firms)
5. फर्म के लक्ष्य/उद्देश्य (Goals/Objectives of the Firm)
6. सरकारी नीति (Government Policy)
7. अपेक्षाएं (Expectations)
8. सब्सिडी (Subsidy)

Q4. स्टॉक (Stock) क्या है?

Ans: स्टॉक का अर्थ किसी वस्तु की कुल मात्रा से है जो बाजार में किसी भी समय विक्रेता के पास उपलब्ध होती है।

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