व्यवसाय में जब भी उत्पादों का लेनदेन होता है तो भुगतान उसी समय या बाद में होता है, यदि भुगतान उसी समय पर होता है तो इसे केवल लेनदेन कहा जाता है लेकिन यदि भुगतान बाद में होता है तो इसे क्रेडिट लेनदेन कहा जाता है। जब विक्रेता उधार पर उत्पाद का लेनदेन करता है तो उसे लेनदार कहा जाता है। लेखांकन में, लेनदार का अर्थ उस व्यक्ति से है जो उधार पर उत्पाद को बेचता है।
जब भी कोई लेनदार होगा तो देनदार भी होगा क्योंकि दोनों एक दूसरे के विपरीत हैं और एक दूसरे के बिना नहीं बनते हैं। ये दोनों एक साथ शुरू होते हैं और एक साथ समाप्त होते हैं क्योंकि ये दोनों एक लेन-देन से संबंधित होते हैं और जब लेन-देन समाप्त होता है, तो ये भी समाप्त हो जाते हैं। सरल भाषा में कहें तो जो उधार पर उत्पाद बेचता है उसे लेनदार कहा जाता है और जो उधार पर उत्पाद खरीदता है उसे देनदार कहा जाता है।
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लेनदार (Creditor) क्या है?
लेनदार एक व्यक्ति या विक्रेता है जो उधार पर उत्पाद को बेचता है और पूरा भुगतान प्राप्त होने तक लेनदार बना रहता है। उत्पाद को उधार पर बेचने के कारण यह दूसरे व्यक्ति के लिए लेनदार बन जाता है, जिसके कारण यह दूसरे व्यक्ति के प्रति दायित्व बन जाता है। लेनदार को बैलेंस शीट के देनदारियां पक्ष पर दिखाया जाता है। इसे बैलेंस शीट पर तभी दिखाया जाता है जब तक लेन-देन का भुगतान पूरा नहीं हो जाता है।
किसी भी व्यवसाय में लेनदार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे ही होते हैं जो उधार पर उत्पाद बेचते हैं। लेनदार व्यवसाय के स्थिति को दिखाने में भी मदद करते हैं क्योंकि इससे पता चलता है कि व्यवसाय की बाजार में कितनी सद्भावना या भरोसा है। ध्यान दें: लेनदार कोई भी व्यक्ति हो सकता है जैसे व्यक्ति, व्यवसाय, फर्म, संगठन, संस्था, आदि। सरल भाषा में कहें तो, जो कोई भी उधार पर उत्पाद बेचता है उसे लेनदार कहा जाएगा।
लेनदार की विशेषताएं (Features of Creditor)
लेनदार की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. देनदारी (Liability):
लेनदार व्यवसाय का दायित्व होता है क्योंकि व्यवसाय ने इससे उधार पर उत्पाद खरीदा होता है और लेन-देन का पूरा भुगतान होने तक लेनदार व्यवसाय का दायित्व बना रहता है, लेकिन एक बार जब लेनदार का पूरा भुगतान कर दिया जाता है तो यह व्यवसाय के लिए दायित्व नहीं रह जाता है। लेखांकन में, लेनदार को अल्पकालिक देनदारी या वर्तमान देनदारी के रूप में माना जाता है।
2. बैलेंस शीट पर दिखाया जाता है (Shown on the Balance Sheet):
लेनदार को बैलेंस शीट के देनदारी पक्ष पर दिखाया जाता है क्योंकि यह व्यवसाय की देनदारी होती हैं। देनदारी पक्ष में, इसे वर्तमान देनदारी या अल्पकालिक देनदारी के अंतर्गत दिखाया जाता है। इसे बैलेंस शीट पर तभी तक दिखाया जाता है जब तक लेनदार का भुगतान पूरी तरह से नहीं किया जाता है। एक बार जब लेनदार को पूरा भुगतान कर दिया जाता है तो इसे बैलेंस शीट से हटा दिया जाता है।
3. क्रेडिट शेष (Credit Balance):
लेनदार के खाता का शेष हमेशा क्रेडिट होता है क्योंकि इसमें व्यक्तिगत खाता का नियम लागू होता है जिसके तहत जो प्राप्त करता है वह डेबिट होता है और जो देता है वह क्रेडिट होता है। यदि लेनदार के खाता का शेष डेबिट हो जाता है तो वह देनदार बन जाता है और फिर प्रक्रिया विपरीत हो जाती है। ध्यान दें: यदि लेनदार का शेष क्रेडिट होता है तो देनदार का शेष डेबिट होगा और यदि लेनदार का शेष डेबिट होता है तो देनदार का शेष क्रेडिट होगा।
4. अधिकार (Rights):
लेनदार को उसके द्वारा उधार पर बेचे गए उत्पादों के लिए भुगतान प्राप्त करने का अधिकार होता है और यदि कोई भुगतान नहीं करता है तो उसके के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का भी अधिकार होता है। भुगतान की अवधि दोनों पक्षों और लेनदेन पर निर्भर करती है लेकिन वर्तमान देनदारी (Current Liability) होने के कारण भुगतान एक वर्ष के भीतर करना होता है लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है।
5. देनदार के विपरीत (Opposite of Debtor):
लेनदार हमेशा देनदार के विपरीत होता है क्योंकि एक अकेला व्यक्ति लेन-देन को पूरा नहीं कर सकता है। उदाहरण के लिए, जो उधार पर उत्पाद खरीदता है उसे देनदार कहा जाता है और जो उधार पर उत्पाद बेचता है उसे लेनदार कहा जाता है, इस स्थिति में एक व्यक्ति एक लेन-देन में दोनों नहीं हो सकता, इसीलिए दोनों एक-दूसरे के विपरीत होते हैं।
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QNA/FAQ
Q1. लेनदार कौन है?
Ans: लेनदार एक व्यक्ति या विक्रेता है जो उधार पर उत्पाद को बेचता है।
Q2. क्या लेनदार व्यवसाय का दायित्व है?
Ans: हां, लेनदार व्यवसाय का दायित्व है।
Q3. क्या लेनदार को बैलेंस शीट पर दिखाया जाता है?
Ans: हां, लेनदार को बैलेंस शीट पर दिखाया जाता है।
Q4. कोई व्यक्ति कितने समय तक लेनदार बना रहता है?
Ans: एक व्यक्ति तब तक लेनदार बना रहता है जब तक उसे सभी भुगतान प्राप्त नहीं हो जाते।
Q5. लेनदार की विशेषताएं लिखिए।
Ans: लेनदार की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. लेनदार व्यवसाय का दायित्व है।
2. लेनदार को बैलेंस शीट पर दिखाया जाता है।
3. लेनदार का शेष सदैव क्रेडिट होता है।
4. लेनदार हमेशा देनदार के विपरीत होता है।
5. लेनदार को देनदार से भुगतान प्राप्त करने का अधिकार होता है।