रोकड़ बही और पास बुक के बैलेंस में अंतर होने के कई कारण हो सकते हैं क्योंकि रोकड़ बही को खाताधारक द्वारा बनाया जाता है और पास बुक को बैंक के द्वारा बनाया जाता है। समय, त्रुटि, चूक, आदि रोकड़ बही और पास बुक के बैलेंस में अंतर के कुछ कारण हैं। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति ने किसी दूसरे व्यक्ति को चेक जारी किया लेकिन दूसरे व्यक्ति ने अभी तक उस चेक को बैंक में जमा नहीं किया है, तो इस स्थिति में रोकड़ बही में बैलेंस कम होगा लेकिन पास बुक में बैलेंस अधिक होगा।
सरल शब्दों में कहें तो रोकड़ बही में लेन-देन उसी समय दर्ज हो जाता है जब खाताधारक बैंक से लेन-देन करता है, भले ही लेन-देन बाद में पूरा हो और खाताधारक को रोकड़ बही में दर्ज लेन-देन की जानकारी होती है जब की बैंक, पास बुक में लेन-देन तभी दर्ज करता है जब लेन-देन पूरा हो जाता है और हो सकता है कि खाताधारक को पास बुक में दर्ज सभी लेन-देन की जानकारी न हो, इस स्थिति के कारण रोकड़ बही और पास बुक के बैलेंस में अंतर आ जाता है, लेकिन ध्यान रहे कि ऐसा हर बार हो यह जरूरी नहीं है।
ध्यान दें: अभी रोकड़ बही का मतलब खाताधारक की पुस्तक से है और पास बुक का मतलब बैंक की पुस्तक से है।
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रोकड़ बही और पास बुक बैलेंस में अंतर के कारण
रोकड़ बही और पास बुक बैलेंस में अंतर के कारण निम्नलिखित हैं:
1. समय (Time):
समय रोकड़ बही और पास बुक बैलेंस के बीच अंतर का मुख्य कारण है क्योंकि रोकड़ बही में खाताधारक उसी समय लेन-देन दर्ज करता है जब वह बैंक के माध्यम से लेन-देन करता है, और पास बुक में बैंक लेन-देन तब दर्ज करता है जब लेन-देन पूरा हो जाता है। उदाहरण के लिए, जब खाताधारक बैंक में चेक जमा करता है तो वह उसी समय रोकड़ बही में इसे दर्ज करता है लेकिन बैंक इसे पास बुक में तभी दर्ज करता है जब चेक क्लियर हो जाता है (जब लेन-देन पूरा हो जाता है)।
2. जानकारी न होना (No Knowledge):
कई बार बैंक में डेबिट और क्रेडिट लेनदेन होते हैं जिनके बारे में खाताधारक को जानकारी नहीं होती है या होती भी है तो उस समय नहीं होती है जब लेनदेन घटित होता है जैसे बैंक चार्ज, ऑटोमेटिक डेबिट, ब्याज क्रेडिट या डेबिट, भुगतान प्राप्त, आदि। उदाहरण के लिए बैंक ने खाताधारक के खाते से चार्ज काट लिया जिसकी जानकारी खाताधारक को नहीं थी, ऐसी स्थिति में पास बुक में बैलेंस कम होगा और कैश बुक में ज्यादा, इसी तरह जब कोई खाताधारक के खाते में भुगतान करता है जिसकी जानकारी खाताधारक को नहीं है, ऐसी स्थिति में पास बुक में बैलेंस ज्यादा होगा और कैश बुक में बैलेंस कम होगा।
3. त्रुटि और चूक (Errors and Omissions):
त्रुटियां और चूक भी रोकड़ बही और पास बुक के बैलेंस में अंतर का कारण है जैसे गलत लेनदेन दर्ज करना, गलत राशि दर्ज करना, लेनदेन दर्ज करना भूल जाना, आदि और यह दोनों तरफ से हो सकता है। उदाहरण के लिए, किसी ने खाताधारक को भुगतान किया लेकिन खाताधारक कैश बुक में लेनदेन दर्ज करना भूल गया, इस स्थिति में कैश बुक में शेष राशि कम होगी और पास बुक में शेष राशि अधिक होगी, इसी तरह, यदि खाताधारक किसी को भुगतान करता है लेकिन वह कैश बुक में दर्ज करना भूल जाता है, इस स्थिति में कैश बुक में शेष राशि अधिक होगी और पास बुक में शेष राशि कम होगी।
बैंक समाधान विवरण के अनुसार कारण (Reasons as per Bank Reconciliation Statement):
- चेक जारी किया गया लेकिन अभी तक भुगतान के लिए प्रस्तुत नहीं किया गया
- चेक जमा किया गया लेकिन अभी तक वसूल नहीं किए गया
- बैंक खाते में सीधे जमा की गई राशि
- बैंक द्वारा वसूला गया ब्याज और लाभांश
- बैंक द्वारा प्राप्त ब्याज और लाभांश
- ग्राहकों की ओर से बैंक द्वारा किए गए सीधे भुगतान
- जमा किए गए चेक/छूट प्राप्त बिल अनादरित
- बैंक द्वारा छूट के तहत बिल वापस लेना
- फर्म द्वारा लेनदेन दर्ज करने में की गई गलतियाँ
- बैंक द्वारा लेनदेन दर्ज करने में की गई गलतियाँ, आदि।
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QNA/FAQ
Q1. यदि चेक जारी किया जाता है लेकिन जमा नहीं किया जाता है तो इस स्थिति में क्या बदलाव होगा?
Ans: यदि चेक जारी किया गया जाता है लेकिन जमा नहीं किया गया जाता है तो इस स्थिति में रोकड़ बही में शेष राशि कम होगी और पास बुक में शेष राशि अधिक होगी।
Q2. यदि ब्याज केवल बैंक द्वारा डेबिट किया जाता है तो क्या होगा?
Ans: यदि ब्याज केवल बैंक द्वारा डेबिट किया जाता है तो पास बुक का शेष कम होगा और कैश बुक का शेष अधिक होगा।
Q3. रोकड़ बही का शेष कब बढ़ता है?
Ans: जब रोकड़ बही को डेबिट किया जाता है तो रोकड़ बही का शेष बढ़ता है।
Q4. पास बुक का बैलेंस कब बढ़ता है?
Ans: जब बैंक खाता क्रेडिट होता है तब पास बुक का बैलेंस बढ़ता है।
Q5. रोकड़ बही और पास बुक बैलेंस में अंतर के कारण लिखिए।
Ans: रोकड़ बही और पास बुक बैलेंस में अंतर के कारण निम्नलिखित हैं:
1. समय (Time)
2. जानकारी न होना (No Knowledge)
3. त्रुटि और चूक (Errors and Omissions), आदि।