लाभ और हानि खाता का उद्देश्य (Objectives of Profit and Loss Account)

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व्यवसाय में तैयार की जाने वाली सभी रिपोर्ट्स, विवरण आदि का कोई न कोई उद्देश्य होता है क्योंकि व्यवसाय में कोई भी कार्य बिना उद्देश्य के नहीं किया जाता है। कोई व्यवसाय तभी सफल होता है जब उसे अपने उद्देश्य का पता होता है क्योंकि उद्देश्य के अनुसार ही व्यावसायिक गतिविधियों का प्रबंधन किया जाता है। यही नियम व्यावसायिक रिपोर्ट्स, स्टेटमेंट आदि में भी लागू होता है। प्रत्येक रिपोर्ट्स, विवरण आदि में अलग-अलग डेटा का उपयोग किया जा सकता है।

व्यापार खाता तैयार करने के बाद लाभ और हानि खाता तैयार किया जाता है क्योंकि इसके लिए सकल लाभ या हानि की आवश्यकता होती है। व्यवसाय में लाभ या हानि की गणना करने के लिए लाभ और हानि खाता तैयार किया जाता है। लाभ और हानि खाता केवल तभी तैयार किया जाता है जब व्यवसाय व्यापारिक गतिविधियों में शामिल होता है । व्यापार खाता में व्यापारिक लेनदेन को दर्ज किया जाता है और लाभ और हानि खाता में उन लेनदेन को दर्ज किया जाता है जो व्यावसायिक गतिविधियों का समर्थन (Support) करते हैं।

लाभ और हानि खाता का उद्देश्य (Objectives of Profit and Loss Account)

लाभ और हानि खाता का उद्देश्य (Objectives of Profit and Loss Account)

लाभ और हानि खाता का उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

1. शुद्ध लाभ और हानि (Net Profit and Loss):

लाभ और हानि खाता का मुख्य उद्देश्य एक निश्चित अवधि में किसी व्यवसाय के लाभ या हानि की गणना करना है। शुद्ध लाभ और हानि व्यवसाय का वास्तविक लाभ या हानि होता है क्योंकि यह सभी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष आय-व्यय को जोड़ने और घटाने के बाद निर्धारित होता है। लाभ एवं हानि खाता के परिणाम से ही पता चलता है कि व्यवसाय में लाभ हुआ है या हानि। शुद्ध लाभ और हानि की गणना करने के लिए, सभी अप्रत्यक्ष आय को क्रेडिट पक्ष में दर्ज किया जाता है और सभी अप्रत्यक्ष खर्चों को डेबिट पक्ष में दर्ज किया जाता है, फिर दोनों पक्षों को जोड़ दिया जाता है, यदि डेबिट पक्ष अधिक होता है तो इसे शुद्ध हानि कहा जाता है और यदि क्रेडिट पक्ष अधिक होता है तो इसे शुद्ध लाभ कहा जाता है।

2. अप्रत्यक्ष आय और व्यय (Indirect Income and Expenses):

लाभ और हानि खाता तैयार करने से सभी अप्रत्यक्ष आय और व्यय को एक साथ देखा जा सकता है जिसकी सहायता से अप्रत्यक्ष आय और व्यय को प्रबंधित किया जा सकता है, इसलिए यह भी लाभ और हानि खाते का एक उद्देश्य है। चूँकि सभी संबंधित अप्रत्यक्ष आय और व्यय को लाभ और हानि खाते में एक साथ दर्ज की जाती हैं, इसलिए यह समझना आसान हो जाता है कि आय कहाँ से आ रही है और व्यय कहाँ हो रहा है। इस डेटा का उपयोग करके आय को बढ़ाया जा सकता है और व्यय को कम किया जा सकता है या इनसे संबंधित निर्णय लिए जा सकते हैं।

3. निर्णय लेने में मदद (Helps in Decision Making):

प्रबंधन को निर्णय लेने में मदद करना भी लाभ और हानि खाते का एक उद्देश्य है क्योंकि डेटा के बिना प्रबंधन उचित निर्णय लेने में सक्षम नहीं होते है। इसकी सहायता से प्रबंधन डेटा का विश्लेषण करके उचित निर्णय ले सकते हैं। व्यापार खाता केवल व्यापारिक गतिविधियों का डेटा दिखाता है और लाभ और हानि खाता व्यापारिक गतिविधियों के सहायक लेनदेन का डेटा दिखाता है। एक अच्छा निर्णय लेने के लिए सभी संबंधित रिपोर्टों की आवश्यकता होती है।

4. कीमत रणनीति (Price Strategy):

वस्तुओं और सेवाओं के लिए उचित मूल्य निर्धारण रणनीति अपनाने में प्रबंधन की सहायता करना भी लाभ और हानि खाता का एक उद्देश्य है। एक उचित मूल्य निर्धारण रणनीति अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे अपनाए बिना अप्रत्याशित परिणाम मिल सकते हैं जो व्यवसाय के लिए परेशानी पैदा कर सकते हैं। उचित मूल्य निर्धारण रणनीति इस बात पर भी प्रभाव डालती है कि कोई व्यवसाय लाभदायक होगा या नहीं। ध्यान दें कि एक रिपोर्ट या विवरण उचित मूल्य निर्धारण रणनीति अपनाने में सहायक नहीं हो सकता है, इसके लिए सभी सम्बंधित रिपोर्ट या विवरण को आवश्यकता होती है।

5. बाहरी संसाधनों को आकर्षित (Attract External Resources):

बाहरी संसाधनों को आकर्षित करना भी लाभ और हानि खाता का एक उद्देश्य है क्योंकि बाहरी संसाधन व्यवसाय की वृद्धि में मदद करते हैं। बाहरी संसाधनों में निवेशक, ऋणदाता, व्यावसायिक अवसर आदि शामिल होते हैं। लाभ और हानि खाता वित्तीय प्रदर्शन, लाभ और हानि आदि का डेटा प्रदान करता है जिसकी मदद से बाहरी स्रोत को आकर्षित किया जा सकता है। ध्यान दें व्यवसाय बाहरी संसाधनों को आकर्षित करने के लिए झूठे लाभ और हानि खाता तैयार करते हैं, ऐसा करना कानूनी अपराध है।

6. कर गणना (Tax Calculation):

लाभ और हानि खाता कर की गणना करने में मदद करता है क्योंकि यह शुद्ध लाभ और हानि का डेटा प्रदान करता है। यदि व्यवसाय कर श्रेणी के अंतर्गत आता है, तो व्यवसाय तदनुसार कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है, यदि व्यवसाय कर श्रेणी के अंतर्गत नहीं आता है, तो व्यवसाय कर भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं होता है। व्यवसाय में कितना कर लागू होगा यह पूरी तरह से शासन प्राधिकारी द्वारा निर्धारित कर श्रेणी पर निर्भर करता है।


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QNA/FAQ

Q1. क्या लाभ और हानि खाता उचित मूल्य निर्धारण रणनीति अपनाने में मदद करता है?

Ans: हां, लाभ और हानि खाता एक उचित मूल्य निर्धारण रणनीति अपनाने में मदद करता है क्योंकि यह अप्रत्यक्ष आय और व्यय का डेटा प्रदान करता है लेकिन अन्य रिपोर्ट की भी आवश्यकता होती है।

Q2. क्या लाभ और हानि खाता लाभ या हानि की गणना करता है?

Ans: हाँ, लाभ और हानि खाता सकल लाभ या हानि और अप्रत्यक्ष व्यय और आय की सहायता से शुद्ध लाभ या हानि की गणना करता है।

Q3. क्या लाभ और हानि खाता कर की गणना करने में मदद करता है?

Ans: हां, लाभ और हानि खाता कर की गणना करने में मदद करता है क्योंकि यह वित्तीय अवधि में शुद्ध लाभ या हानि प्रदान करता है।

Q4. क्या लाभ और हानि खाता व्यवसाय के वित्तीय प्रदर्शन को दर्शाता है?

Ans: हां, लाभ और हानि खाता व्यवसाय के वित्तीय प्रदर्शन को दर्शाता है क्योंकि यह लाभ और हानि का डेटा प्रदान करता है, लेकिन इसके लिए अन्य रिपोर्ट भी आवश्यक होती हैं।

Q5. लाभ और हानि खाता का उद्देश्य लिखिए।

Ans: लाभ और हानि खाता का उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

1. लाभ और हानि खाता का उद्देश्य शुद्ध लाभ और हानि की गणना करना है।
2. लाभ और हानि खाता का उद्देश्य अप्रत्यक्ष आय और व्यय को एक स्थान पर दिखाना है।
3. लाभ और हानि खाता का उद्देश्य निर्णय लेने में सहायता करना है।
4. लाभ और हानि खाता का उद्देश्य उचित मूल्य निर्धारण रणनीति अपनाने में मदद करना है।
5. लाभ और हानि खाता का उद्देश्य बाहरी संसाधनों को आकर्षित करना है।
6. लाभ और हानि खाता का उद्देश्य कर की गणना में सहायता करना है।
7. लाभ और हानि खाता का उद्देश्य तुलना के लिए डेटा प्रदान करने में सहायता करना है।
8. लाभ और हानि खाता का उद्देश्य विश्लेषण के लिए डेटा प्रदान करने में सहायता करना है।

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