व्यय का वर्गीकरण (Classification of Expenses)

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प्रत्येक व्यवसाय में किसी न किसी तरह से व्यय होता है क्योंकि व्यय के बिना व्यवसाय नहीं चल सकता है, उदाहरण के लिए उत्पाद खरीदते समय व्यय, उत्पाद बेचते समय व्यय, आदि, इसीलिए व्यवसाय में होने वाले सभी व्यय को लेखांकन की सहायता से व्यवस्थित रूप से दर्ज और प्रबंधित किया जाता है ताकि भविष्य में सम्बंधित रिपोर्ट तैयार की जा सके। व्यवसाय में लेखांकन रिपोर्ट तैयार किये बिना व्यवसाय की स्थिति, प्रदर्शन आदि के बारे में पता नहीं चल सकता है।

बेहतर प्रबंधन और लेखांकन उद्देश्यों के लिए व्यय को उनकी प्रकृति के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है। व्यय का यह वर्गीकरण व्यय और उनकी प्रकृति को समझने में मदद करता है। व्यय को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, परिचालन और गैर-परिचालन, परिवर्तनीय और निश्चित, आदि में वर्गीकृत किया जाता है। व्यय के वर्गीकरण के माध्यम से ही संबंधित रिपोर्ट तैयार करना संभव है। उदाहरण के लिए, ट्रेडिंग खाता में केवल प्रत्यक्ष व्यय दर्ज किए जाते हैं और लाभ और हानि खाता में केवल अप्रत्यक्ष व्यय दर्ज किए जाते हैं, आदि।

व्यय का वर्गीकरण (Classification of Expenses)

व्यय का वर्गीकरण (Classification of Expenses)

व्यय का वर्गीकरण निम्नलिखित है:

– प्रत्यक्ष व्यय (Direct Expenses)– अप्रत्यक्ष व्यय (Indirect Expenses)
– परिचालन व्यय (Operating Expenses)– गैर-परिचालन व्यय (Non-Operating Expenses)
– परिवर्तनीय व्यय (Variable Expenses)– निश्चित व्यय (Fixed Expenses)

1. प्रत्यक्ष व्यय (Direct Expenses):

प्रत्यक्ष व्यय से अभिप्राय उन व्यय से है जो उत्पादों को बेचने से पहले होते हैं और यह सीधे उत्पाद की लागत को प्रभावित करते हैं जैसे उत्पादों की खरीद, आवक माल ढुलाई, मजदूरी, फैक्ट्री किराया, फैक्ट्री बीमा, बिजली, इत्यादि। निर्माण व्यवसाय, विनिर्माण खाता और व्यापार खाता में प्रत्यक्ष व्यय दिखाते हैं और व्यापार व्यवसाय, व्यापार खाता में प्रत्यक्ष व्यय दिखाते हैं। प्रत्यक्ष व्यय सकल लाभ (Gross Profit) की गणना करने में मदद करते हैं। सकल लाभ या सकल हानि की गणना प्रत्यक्ष व्यय की सहायता से की जाती है।

2. अप्रत्यक्ष व्यय (Indirect Expenses):

अप्रत्यक्ष व्यय से अभिप्राय उन व्यय से है जो उत्पाद को बेचने और व्यवसाय चलाने में किए जाते हैं और जो अप्रत्यक्ष रूप से उत्पाद की लागत को प्रभावित करते हैं जैसे जावक माल ढुलाई, वेतन, विपणन व्यय, कार्यालय व्यय, ब्याज भुगतान, बिल भुगतान, मूल्यह्रास, इत्यादि। सरल भाषा में कहें तो, अप्रत्यक्ष व्यय का मतलब प्रत्यक्ष व्यय के अलावा अन्य व्यय हैं। अप्रत्यक्ष व्यय को लाभ और हानि खाता में दिखाया जाता है। शुद्ध लाभ या शुद्ध हानि की गणना अप्रत्यक्ष व्यय की सहायता से की जाती है।

3. परिचालन व्यय (Operating Expenses):

परिचालन व्यय का मतलब उन व्यय से है जो व्यवसाय की मुख्य गतिविधि जैसे निर्माण, व्यापार, अन्य दिन-प्रतिदिन की व्यावसायिक गतिविधियों के कारण होते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, परिचालन व्यय का तात्पर्य उन व्यय से है जो सीधे व्यवसाय के संचालन से संबंधित होते हैं। इसमें खरीद, माल ढुलाई, वेतन, मजदूरी, बिजली, कार्यालय व्यय, आदि शामिल हैं। परिचालन व्यय के बिना व्यवसाय के गतिविधियों को पूरा करना संभव नहीं है क्योंकि इनकी मदद से ही व्यवसाय के गतिविधियों को पूरा करना संभव हो पाता है। परिचालन व्यय को विनिर्माण खाता, व्यापार खाता, लाभ और हानि खाता आदि पर दिखाया जाता है।

4. गैर-परिचालन व्यय (Non-Operating Expenses):

गैर-परिचालन व्यय का मतलब उन व्यय से है जो व्यवसाय की मुख्य गतिविधियों से संबंधित नहीं होते हैं और ये व्यय दिन-प्रतिदिन नहीं होते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, गैर-परिचालन व्यय का अर्थ उन व्यय से है जो अप्रत्यक्ष रूप से व्यवसाय के संचालन से संबंधित हैं। इसमें ब्याज भुगतान, मुकदमे की लागत, मुकदमा निपटान, संपत्ति के निपटान पर हानि, आदि शामिल हैं। भले ही गैर-परिचालन व्यय सीधे तौर पर व्यवसाय की मुख्य गतिविधियों से संबंधित नहीं हैं, लेकिन यह व्यवसाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसे लाभ और हानि खाता आदि रिपोर्टों में दर्शाया जाता है।

5. परिवर्तनीय व्यय (Variable Expenses):

परिवर्तनीय व्यय का अर्थ है वे व्यय जो निश्चित नहीं हैं क्योंकि ये हमेशा बदलते रहते हैं और निश्चित व्यय के बिल्कुल विपरीत होते हैं। इसमें कच्चे माल की खरीद, तैयार माल की खरीद, माल ढुलाई, पैकेजिंग लागत, कमीशन, यूनिट-आधारित श्रम, बिजली, उपयोगिता व्यय, आदि शामिल हैं। सरल भाषा में कहें तो, इसमें वे व्यय शामिल हैं जो उपयोग के आधार पर बदलते रहते हैं या घटित हो सकते हैं और नहीं भी हो सकते। इन्हें विभिन्न रिपोर्टों जैसे विनिर्माण खाता, व्यापार खाता, लाभ और हानि खाता आदि में दिखाया जाता है।

6. निश्चित व्यय (Fixed Expenses):

निश्चित व्यय का मतलब उन व्यय से है जो निश्चित रूप से होने वाले हैं और जिनमें जल्दी से बदलाव नहीं होता है। निश्चित व्यय परिवर्तनीय व्यय के बिल्कुल विपरीत होते हैं। सरल भाषा में कहें तो, परिवर्तनीय व्यय को छोड़कर सभी व्यय निश्चित व्यय होते हैं। इसमें किराया, वेतन, ऋण भुगतान, बीमा, सदस्यता आदि शामिल हैं। यदि व्यय इकाई पर आधारित हैं तो वे निश्चित व्यय के अंतर्गत नहीं आते हैं। ध्यान दें कि अलग-अलग व्यवसायों के लिए निश्चित व्यय अलग-अलग हो सकते हैं।


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QNA/FAQ

Q1. प्रत्यक्ष व्यय को कहाँ दिखाया जाता है?

Ans: आम तौर पर प्रत्यक्ष व्यय को व्यापार खाता में दिखाए जाता है लेकिन यदि कोई व्यवसाय विनिर्माण खाता बनाता है, तो वहां भी दिखाया जाता है।

Q2. अप्रत्यक्ष व्यय को कहाँ दिखाया जाता है?

Ans: अप्रत्यक्ष व्यय को लाभ-हानि खाता में दिखाया जाता है।

Q3. कौन से व्यय निश्चित नहीं हैं?

Ans: परिवर्तनीय व्यय निश्चित नहीं हैं।

Q4. क्या परिचालन व्यय सीधे व्यवसाय के संचालन से संबंधित हैं?

Ans: हाँ

Q5. व्यय का वर्गीकरण लिखिए।

Ans: व्यय का वर्गीकरण निम्नलिखित है:

1. प्रत्यक्ष व्यय (Direct Expenses)
2. अप्रत्यक्ष व्यय (Indirect Expenses)
3. परिचालन व्यय (Operating Expenses)
4. गैर-परिचालन व्यय (Non-Operating Expenses)
5. परिवर्तनीय व्यय (Variable Expenses)
6. निश्चित व्यय (Fixed Expenses)

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