ट्रायल बैलेंस तैयार करने के फायदे (Advantages of Preparing Trial Balance)

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व्यवसाय में जो भी रिपोर्ट तैयार की जाती है, उसका कुछ न कुछ फायदा अवश्य होता है क्योंकि व्यवसाय में कोई भी रिपोर्ट बिना किसी फायदा के तैयार नहीं की जाती है, यही अवधारणा ट्रायल बैलेंस में भी लागू होती है। व्यवसाय में लेनदेन का प्रबंधन लेखांकन प्रक्रिया द्वारा किया जाता है। जब लेखांकन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, तो त्रुटियां होने की संभावना बनी रहती है क्योंकि लेनदेन की पहचान करना, मापना, दर्ज करना और फिर उन्हें खातों में वर्गीकृत करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।

लेखांकन प्रक्रिया में होने वाली त्रुटियों का पता लगाने के लिए ट्रायल बैलेंस तैयार किया जाता है क्योंकि इसकी अवधारणा लेखांकन त्रुटियों का पता लगाने में मदद करती है। इसे लेखांकन प्रक्रिया के वर्गीकरण चरण के बाद तैयार किया जाता है। यदि इस चरण तक कोई त्रुटि हुई हो तो उसका पता यहां लगाया जा सकता है। ट्रायल बैलेंस तैयार करने के लिए सभी संबंधित खातों की शेष राशि की आवश्यकता होती है। इसे तैयार करने के बाद भी इसकी कोई गारंटी नहीं है कि इसकी मदद से सभी लेखांकन त्रुटियों का पता लगाया जा सकेगा।

Advantages of Preparing Trial Balance

ट्रायल बैलेंस तैयार करने के फायदे (Advantages of Preparing Trial Balance)

ट्रायल बैलेंस तैयार करने के निम्नलिखित फायदे हैं:

1. अंकगणितीय त्रुटि की जाँच (Arithmetic Error Checking):

ट्रायल बैलेंस तैयार करने का मुख्य फायदा यह है कि इसे तैयार करने से अंकगणितीय त्रुटि की जांच हो जाती है। यदि लेन-देन को दर्ज करते समय, वर्गीकरण आदि करते समय कोई त्रुटि हुई हो तो ट्रायल बैलेंस तैयार करने के बाद उसका पता लगाया जा सकता है। यदि ट्रायल बैलेंस के दोनों पक्ष मेल खाते हैं, तो यह माना जाता है कि लेखांकन प्रक्रिया में अब तक कोई लेखांकन त्रुटियां नहीं हुई हैं।

2. दोहरी प्रविष्टि की जाँच (Double Entry Checking):

लेखांकन प्रणाली दोहरी प्रविष्टि प्रणाली पर आधारित है क्योंकि सभी लेनदेन में एक डेबिट पक्ष और एक क्रेडिट पक्ष होता है। ट्रायल बैलेंस तैयार करने का एक और फायदा यह है कि इसकी मदद से दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की जांच हो जाती है। यदि दोहरी प्रविष्टि प्रणाली का ठीक से पालन होता है तो ट्रायल बैलेंस के दोनों पक्ष एक दूसरे से मेल खाते हैं लेकिन अन्य चीजें समान रहनी चाहिए।

3. सारांश (Summary):

ट्रायल बैलेंस तैयार करने का एक अन्य फायदा यह है कि यह खाते की शेष राशि का सारांश प्रदान करता है। यह सारांश यह समझने में मदद करता है कि किस खाते की शेष राशि डेबिट है और किस खाते की शेष राशि क्रेडिट है। इसका उपयोग करके प्रबंधन विभिन्न प्रकार के निर्णय ले सकता है जैसे खरीदारी बढ़ानी है या नहीं, कौन से खर्च कम करना है या बढ़ाना, आदि। ट्रायल बैलेंस को छोटा बैलेंस शीट के रूप में देखा जा सकता है।

4. अंतिम खाते में सहायता (Help in Final Account):

ट्रायल बैलेंस तैयार करने से अंतिम खाते तैयार करने में सहायता मिलती है क्योंकि ट्रायल बैलेंस में सभी बही खाता और रोकड़ बही के शेष दिखाए जाते हैं और यदि कोई लेखांकन त्रुटियां होती हैं तो इसका पता यहीं लगाया जाता है। जो व्यवसाय ट्रायल बैलेंस तैयार करते हैं, वे ट्रायल बैलेंस तैयार होने के बाद अंतिम खाते तैयार करते हैं और जो व्यवसाय ट्रायल बैलेंस तैयार नहीं करते हैं, वे सीधे अंतिम खाते तैयार करते हैं।

5. तुलना में मदद (Help in Compare):

ट्रायल बैलेंस तैयार करने का एक और फायदा यह है कि इसे तैयार करने से डेटा की तुलना करना आसान हो जाता है क्योंकि ट्रायल बैलेंस समय-समय पर तैयार किया जाता है जिससे अलग-अलग समय का डेटा प्राप्त होता है। अलग-अलग समय के डेटा का उपयोग करके कई तरह से तुलना की जा सकती है और उसके अनुसार भविष्य के लिए उचित निर्णय लिए जा सकते हैं।

6. योजना बनाने में मदद (Help in Planning):

ट्रायल बैलेंस तैयार करने का एक और फायदा यह है कि इसे तैयार करने से प्रबंधन को योजना बनाने में मदद मिलती है क्योंकि अच्छी योजना तभी बनती है जब वह डेटा पर आधारित हो। ट्रायल बैलेंस तैयार करने से प्रबंधन को डेटा मिलता है जिससे प्रबंधन कई प्रकार की संबंधित योजनाएं तैयार कर सकता है। ट्रायल बैलेंस का डेटा ताज़ा होता है जिससे बेहतर योजना बनाना आसान हो जाता है।


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QNA/FAQ

Q1. क्या ट्रायल बैलेंस खाते की शेष राशि का सारांश प्रदान करता है?

Ans: हां, ट्रायल बैलेंस खाते की शेष राशि का सारांश प्रदान करता है।

Q2. क्या ट्रायल बैलेंस प्रबंधन को योजना बनाने में मदद करता है?

Ans: हाँ, ट्रायल बैलेंस प्रबंधन को योजना बनाने में मदद करता है क्योंकि यह खाते की शेष राशि का सारांश प्रदान करता है।

Q3. क्या ट्रायल बैलेंस अंतिम खाते तैयार करने में मदद करता है?

Ans: हाँ, ट्रायल बैलेंस अंतिम खाते तैयार करने में मदद करता है।

Q4. क्या लेनदेन को वर्गीकृत करने के बाद ट्रायल बैलेंस तैयार किया जाता है?

Ans: हां, लेनदेन को वर्गीकृत करने के बाद ट्रायल बैलेंस तैयार किया जाता है।

Q5. ट्रायल बैलेंस तैयार करने के फायदे लिखिए।

Ans: ट्रायल बैलेंस तैयार करने के निम्नलिखित फायदे हैं:

1. ट्रायल बैलेंस तैयार करने से अंकगणितीय त्रुटियों की जांच हो जाती है।
2. ट्रायल बैलेंस तैयार करने से दोहरी प्रविष्टि प्रणाली की जांच हो जाती है।
3. ट्रायल बैलेंस तैयार करने से खाते की शेष राशि का सारांश मिलता है।
4. ट्रायल बैलेंस तैयार करने से अंतिम खाते तैयार करने में मदद मिलती है।
5. ट्रायल बैलेंस तैयार करने से डेटा की तुलना करने में मदद मिलती है।
6. ट्रायल बैलेंस तैयार करने से योजना बनाने में मदद मिलती है।

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