बाजार (Market) क्या है? अर्थ, विशेषताएं, और बहुत कुछ।

Read in English:

जब हम बाजार शब्द सुनते हैं तो हमें एक ऐसी जगह याद आती है जहां बहुत सारे खरीदार और विक्रेता होते हैं जो वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान करते हैं, यह भी सच है, लेकिन अर्थशास्त्र के अनुसार यह एकमात्र बाजार नहीं है। बाजार कभी भी कहीं भी बन सकता है, इसके लिए खरीदार, विक्रेता, सामान और जगह आदि तो होने ही चाहिए लेकिन बदले में भी कुछ न कुछ होना चाहिए। यदि बदले में कुछ न मिले तो वह स्थिति बाजार नहीं कहलाएगी।

बाजार बनाने के लिए बड़ी संख्या में क्रेताओं और विक्रेताओं का होना आवश्यक नहीं है; एक बाजार केवल एक क्रेता और एक विक्रेता से भी बन सकता है। बाजार को विभिन्न स्थितियों के अनुसार विभाजित किया जाता है ताकि उस स्थिति को देखकर यह पता लगाया जा सके कि वह कौन सा बाजार है जैसे पूर्ण प्रतिस्पर्धा बाजार, एकाधिकारवादी बाजार, एकाधिकार बाजार आदि। हर बाजार की अपनी-अपनी विशेषताएं होती हैं जो उसे एक-दूसरे से अलग बनाती हैं।

What is Market? Meaning, Features and More.

बाजार (Market) क्या है?

बाजार का अर्थ (Meaning of Market)

बाजार वह स्थान है जहाँ खरीदार और विक्रेता वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान करते हैं। बाजार कहलाने के लिए किसी विशेष स्थान का होना आवश्यक नहीं है और यह भी आवश्यक नहीं है कि क्रेता और विक्रेता आमने-सामने मौजूद हों। बाजार कभी भी कहीं भी बनाया जा सकता है लेकिन बाजार के सभी महत्वपूर्ण तत्वों जैसे खरीदार, विक्रेता, उत्पाद, स्थान आदि का होना आवश्यक है। बाजार भौतिक और कृत्रिम रूप में हो सकता है।

बाजार के गठन का मुख्य उद्देश्य दोनों पक्षों की आवश्यकताओं को संतुष्ट करना है। इसमें एक पक्ष वह होता है जिसे वस्तुओं और सेवाओं की आवश्यकता होती है, जिसे खरीदार कहा जाता है, और दूसरा पक्ष वह होता है जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति करता है, जिसे विक्रेता कहा जाता है। जब कोई खरीदार विक्रेता से कुछ खरीदता है, तो वह बदले में कुछ देता है, इसी तरह, जब कोई विक्रेता खरीदार से कुछ लेता है, तो वह बदले में कुछ देता है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैं।


बाजार की परिभाषा (Definition of Market)

फिलिप कोटलर के अनुसार – “एक बाजार में वे सभी संभावित ग्राहक शामिल होते हैं जो किसी विशेष आवश्यकता या इच्छा को साझा करते हैं जो उस आवश्यकता या चाहत को पूरा करने के लिए विनिमय में संलग्न होने के इच्छुक और सक्षम हो सकते हैं।”

According to Philip Kotler – “A market consists of all the potential customers sharing a particular need or wants who might be willing and able to engage in exchange to satisfy that need or want.”

जे.सी. एडवर्ड्स के अनुसार – “बाजार वह तंत्र है जिसके द्वारा क्रेताओं और विक्रेताओं को एक साथ लाया जाता है। यह आवश्यक रूप से एक निश्चित स्थान नहीं है।”

According to J.C. Edwards – “A market is that mechanism by which buyers and sellers are brought together. It is not necessarily a fixed place.”

प्रोफ़ेसर चैपमैन के अनुसार – “बाजार शब्द आवश्यक रूप से किसी स्थान को संदर्भित नहीं करता है, बल्कि हमेशा वस्तु या वस्तुओं और उसके खरीदारों और विक्रेताओं को संदर्भित करता है जो एक दूसरे के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा में हैं।”

According to Professor Chapman – “The term market refers not necessarily to a place but always to commodity or commodities and the buyers and sellers of the same who are in direct competition with each other.”

प्रोफ़ेसर बेन्हम के अनुसार – बाजार एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर क्रेता और विक्रेता प्रत्यक्ष रूप से या डीलरों के माध्यम से एक दूसरे के निकट संपर्क में रहते हैं, जिससे बाजार के एक हिस्से में प्राप्त होने वाली कीमत अन्य हिस्सों में भुगतान की जाने वाली कीमतों को प्रभावित करती है।

According to Professor Benham – Market is an area over which buyers and sellers are in close touch with one another, either directly or through dealers, that the price obtainable in one part of the market affects the prices paid in other parts.”


बाजार की विशेषताएं/तत्व (Features/Elements of Market)

बाजार की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. खरीदार और विक्रेता (Buyer and Seller):

बाजार का गठन करने के लिए खरीदार और विक्रेता का होना जरूरी होता है क्योंकि इन दोनों के बिना बाजार का गठन नहीं किया जा सकता। बाजार का मुख्य उद्देश्य ही क्रेताओं और विक्रेताओं की आवश्यकताओं को पूरा करना है, यदि ये दोनों नहीं होंगे तो बाजार का उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

  • खरीदार (Buyer): खरीदार वह व्यक्ति होता है जो बदले में कुछ देकर उत्पाद खरीदता है। जो बदले में कुछ दिए बिना उत्पाद लेता है, वह क्रेता नहीं कहलाता।
  • विक्रेता (Seller): विक्रेता वह व्यक्ति होता है जो बदले में कुछ लेकर उत्पाद बेचता है। जो बदले में कुछ लिए बिना उत्पाद देता है, वह विक्रेता नहीं कहलाता।

2. स्थान (Place):

बाजार का गठन करने के लिए स्थान का होना बहुत ज़रूरी है क्योंकि स्थान के बिना खरीदार और विक्रेता एक दूसरे के संपर्क में नहीं आ सकते। बाजार के लिए किसी विशेष स्थान का होना आवश्यक नहीं है, यह कहीं भी बन सकता है और यह भी आवश्यक नहीं है कि खरीदार और विक्रेता आमने-सामने मौजूद हों। तकनीक के कारण बाजार भी आभासी (Virtual) रूप में है।

3. उत्पाद (Products):

खरीदार का उद्देश्य वस्तुएं और सेवाएं खरीदना होता है और विक्रेता का उद्देश्य वस्तुएं और सेवाएं बेचना होता है। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक बाजार का गठन किया जाता है जहाँ खरीदार और विक्रेता एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं और वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान करते हैं, इसलिए बाजार के निर्माण के लिए उत्पादों का होना आवश्यक होता है। ध्यान दें कि एक बाजार तब तक नहीं बन सकता जब तक कि बाजार के सभी महत्वपूर्ण तत्व पूरे न हो जाएँ।

4. बदले में कुछ (Something in Return):

बाजार तभी बाजार कहलाता है जब बदले में कुछ दिया जाए, बदले में कुछ न दिया जाए तो वह बाजार नहीं कहलाएगा। बदले में कुछ का मतलब है कि जब कोई किसी को कुछ देता है तो दूसरा व्यक्ति भी बदले में कुछ देगा। उदाहरण के लिए, जब कोई खरीदार किसी विक्रेता से कोई उत्पाद खरीदता है, तो वह बदले में कुछ देता है जैसे कि पैसा या उसके बराबर, आदि।


ये भी पढ़ें:


QNA/FAQ

Q1. बाजार (Market) क्या है?

Ans: बाजार वह स्थान है जहाँ खरीदार और विक्रेता वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान करते हैं। बाजार कहलाने के लिए किसी विशेष स्थान का होना आवश्यक नहीं है और यह भी आवश्यक नहीं है कि क्रेता और विक्रेता आमने-सामने मौजूद हों।

Q2. खरीदार कौन है?

Ans: खरीदार वह व्यक्ति होता है जो बदले में कुछ देकर उत्पाद खरीदता है।

Q3. विक्रेता कौन है?

Ans: विक्रेता वह व्यक्ति होता है जो बदले में कुछ लेकर उत्पाद बेचता है।

Q4. बाजार के तत्व लिखिए।

Ans: बाजार के तत्व निम्नलिखित हैं:

1. खरीदार और विक्रेता (Buyer and Seller)
2. स्थान (Place)
3. उत्पाद (Products)
4. बदले में कुछ (Something in Return)

Q5. बाजार की विशेषताएं लिखिए।

Ans: बाजार की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. बाजार में खरीदार और विक्रेता होता है।
2. बाजार में उत्पाद का आदान-प्रदान होता है।
3. बाजार के लिए स्थान का होना जरूरी है।
4. बाजार भौतिक और आभासी हो सकता है।
5. बाजार में बदले में कुछ का नियम लागू होता है।
6. बाजार में खरीदार और विक्रेता का आमने-सामने होना जरूरी नहीं है।
7. बाजार दोनों पक्षों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है।

Leave a Reply