संचार (Communication) क्या है? अर्थ, विशेषताएँ, और बहुत कुछ।

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संचार कोई असाधारण चीज़ नहीं है क्योंकि हर कोई दैनिक आधार पर संचार का उपयोग करता है। किसी से बात करना, अपने विचार व्यक्त करना आदि संचार के अंतर्गत आते हैं। जब हम किसी से बात करते हैं तो हम सामने वाले के सामने अपने विचार व्यक्त करते हैं और वह हमारे द्वारा व्यक्त किये गये विचारों को समझता है या समझने का प्रयास करता है और बदले में हमें कुछ उत्तर या प्रतिक्रिया देता है, इन सभी प्रक्रियाओं को संचार कहा जाता है।

संचार कोई नई चीज़ नहीं है क्योंकि यह तब से अस्तित्व में है जब से जीवित चीज़ें अस्तित्व में हैं। जैसे-जैसे समय बीतता गया, संचार में सुधार होता गया और नए संचार माध्यमों का आविष्कार होता गया और अब भी हो रहा है और होता रहेगा।

What is Communication? Meaning, Features, and More.

संचार (Communication) क्या है?

संचार का अर्थ (Meaning of Communication)

संचार सूचना को एक से दूसरे तक स्थानांतरित करने की एक प्रक्रिया है। सूचना में विचार, राय, भावनाएँ, भावनाएँ, तथ्य, आदि शामिल होते हैं और यह मौखिक (Oral), लिखित (Written) और गैर-मौखिक (Non-verbal) के माध्यम से स्थानांतरित होती है। लिखित माध्यम से किया गया संचार अन्य माध्यमों की तुलना में अधिक मूल्यवान होता है क्योंकि लिखित संचार का साक्ष्यात्मक मूल्य (Evidentiary Value) अधिक होता है।

संचार तभी पूरा होता है जब प्राप्तकर्ता प्रेषक द्वारा भेजी गई जानकारी को समझने में सक्षम होता है और बदले में कुछ उत्तर या प्रतिक्रिया देता है। यदि प्राप्तकर्ता प्रेषक द्वारा भेजी गई जानकारी को समझने में असमर्थ होता है और बदले में कुछ उत्तर या प्रतिक्रिया देता है तो संचार पूरा नहीं होगा।


संचार की परिभाषा (Definition of Communication)

जॉर्ज टेरी के अनुसार – “संचार दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा तथ्यों, विचारों, राय या भावनाओं का आदान-प्रदान है।”

According to George Terry – “Communication is an exchange of facts, ideas, opinions or emotions by two or more persons.”

थियो हैमैन के अनुसार – “यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक जानकारी और समझ पहुंचाने की प्रक्रिया है।”

According to Theo Haimann – “It is the process of passing information and understanding from one person to another.”

न्यूमैन और समर के अनुसार – “संचार दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा तथ्यों, विचारों, राय या भावनाओं का आदान-प्रदान है।”

According to Newman and Summer – “Communication is an exchange of facts, ideas, opinions or emotions by two or more persons.”

कून्ट्ज़ और ‘ओ’डॉनेल के अनुसार – “संचार शब्दों, अक्षर प्रतीकों या संदेशों द्वारा एक समागम है और यह एक तरीका है जिससे एक संगठन का सदस्य दूसरे के साथ अर्थ और समझ साझा करता है।”

According to Koontz and ‘O’Donnell – “Communication is an intercourse by words, letter symbols or messages and is a way that one organization member shares meaning and understanding with another.”


संचार की विशेषताएं (Features of Communication)

संचार की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. दो पक्ष (Two Parties):

संचार को पूरा करने के लिए कम से कम दो पक्षों की आवश्यकता होती है, केवल एक पक्ष संचार को पूरा नहीं कर सकता क्योंकि एक पक्ष सूचना भेजता है और दूसरा पक्ष इसे प्राप्त करता है। संचार में जो सूचना भेजता है उसे प्रेषक या संचारक कहा जाता है और जो प्राप्त करता है उसे प्राप्तकर्ता या संचारी कहा जाता है।

  • प्रथम पक्ष (First Party) – प्रेषक या संचारक (Sender or Communicator)
  • दूसरा पक्ष (Second party) – प्राप्तकर्ता या संचारी (Receiver or communicatee)

2. विषय – वस्तु (Subject Matter):

विषय वस्तु संचार के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है क्योंकि संचार को पूरा करने के लिए विषय वस्तु की आवश्यकता होती है जैसे विचार, अभिव्यक्ति, तथ्य, संदेश, भावनाएँ, आदि। विषय वस्तु के बिना संचार पूरा नहीं होता है।

3. दो तरफा प्रक्रिया (Two-Way Process):

संचार एक दोतरफा प्रक्रिया है क्योंकि संचार तभी पूरा होता है जब दोनों पक्ष संचार में शामिल होते हैं। संचार में, प्रेषक प्राप्तकर्ता को सूचना भेजता है, और बदले में, प्राप्तकर्ता प्रेषक को उत्तर या प्रतिक्रिया देता है।

4. सतत प्रक्रिया (Continuous Process):

संचार एक सतत प्रक्रिया है क्योंकि इसका उपयोग वस्तु के अस्तित्व तक बार-बार किया जाता है। उदाहरण के लिए व्यवसाय में व्यवसाय के अस्तित्व तक संचार का उपयोग किया जाता है।

5. लिखित, मौखिक और सांकेतिक (Written, Oral and Gesture):

संचार लिखित, मौखिक, और सांकेतिक हो सकता है, यह पूरी तरह से प्रेषक और प्राप्तकर्ता पर निर्भर करता है।

  • लिखित संचार का अर्थ लिखित माध्यम से संचार करना है।
  • मौखिक संचार का अर्थ है बोलकर संचार करना।
  • सांकेतिक संचार का अर्थ है अभिव्यक्ति, शारीरिक भाषा आदि के माध्यम से संचार करना।

6. औपचारिक और अनौपचारिक (Formal and Informal):

संचार औपचारिक और अनौपचारिक हो सकता है, यह पूरी तरह से प्रेषक, प्राप्तकर्ता और संचार की प्रकृति पर निर्भर करता है।

  • औपचारिक संचार का अर्थ है सुस्थापित तरीके से संचार करना। इसका उपयोग आमतौर पर कंपनियों, संगठनों आदि में किया जाता है।
  • अनौपचारिक संचार का अर्थ है गैर-स्थापित तरीके से संचार करना। इसका प्रयोग आमतौर पर दोस्तों आदि में किया जाता है।

7. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष (Direct and Indirect):

संचार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष हो सकता है, यह पूरी तरह से प्रेषक, प्राप्तकर्ता, संचार की प्रकृति और स्थान पर निर्भर करता है।

  • प्रत्यक्ष संचार का अर्थ है सीधे आमने-सामने संचार करना, यह भौतिक या आभासी (Physical or Virtual) हो सकता है।
  • अप्रत्यक्ष संचार में प्रत्यक्ष संचार को छोड़कर सभी संचार शामिल हैं।

8. सार्वभौमिक प्रक्रिया (Universal Process):

संचार एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है क्योंकि संचार की अवधारणा का उपयोग हर कोई करता है चाहे वह मनुष्य हो या जानवर। संचार के बिना कोई भी यह नहीं समझ सकता कि दूसरा क्या कहना चाहता है।


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QNA/FAQ

Q1. संचार क्या है?

Ans: संचार सूचना को एक से दूसरे तक स्थानांतरित करने की एक प्रक्रिया है। सूचना में विचार, राय, भावनाएँ, भावनाएँ, तथ्य, आदि शामिल होते हैं और यह मौखिक (Oral), लिखित (Written) और गैर-मौखिक (Non-verbal) के माध्यम से स्थानांतरित होती है। लिखित माध्यम से किया गया संचार अन्य माध्यमों की तुलना में अधिक मूल्यवान होता है क्योंकि लिखित संचार का साक्ष्यात्मक मूल्य (Evidentiary Value) अधिक होता है।

Q2. संचार की विशेषताएँ लिखिए।

Ans: संचार की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. संचार में, कम से कम दो पक्षों (Two Parties) की आवश्यकता होती है।
2. संचार में विषय वस्तु (Subject Matter) की आवश्यकता होती है।
3. संचार एक दो तरफा प्रक्रिया (Two-Way Process) है।
4. संचार एक सतत प्रक्रिया (Continuous Process) है।
5. संचार लिखित, मौखिक और इशारा (Written, Oral and Gesture) हो सकता है।
6. संचार औपचारिक और अनौपचारिक (Formal and Informal) हो सकता है।
7. संचार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष (Direct and Indirect) हो सकता है।
8. संचार एक सार्वभौमिक प्रक्रिया (Universal Process) है।

Q3. क्या संचार के लिए कम से कम दो पक्षों की आवश्यकता होती है?

Ans: हाँ, संचार के लिए कम से कम दो पक्षों की आवश्यकता होती है।

1. प्रथम पक्ष (First Party) – प्रेषक या संचारक (Sender or Communicator)
2. दूसरा पक्ष (Second party) – प्राप्तकर्ता या संचारी (Receiver or communicatee)

Q4. क्या संचार एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है?

Ans: हाँ, संचार एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है क्योंकि संचार की अवधारणा का उपयोग हर कोई करता है चाहे वह मनुष्य हो या जानवर। संचार के बिना कोई भी यह नहीं समझ सकता कि दूसरा क्या कहना चाहता है।

Q5. क्या संचार दो तरफा प्रक्रिया है?

Ans: हाँ, संचार एक दोतरफा प्रक्रिया है क्योंकि संचार तभी पूरा होता है जब दोनों पक्ष संचार में शामिल होते हैं। संचार में, प्रेषक प्राप्तकर्ता को सूचना भेजता है, और बदले में, प्राप्तकर्ता प्रेषक को उत्तर या प्रतिक्रिया देता है।

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