संचार सूचना को एक से दूसरे तक स्थानांतरित करने की एक प्रक्रिया है और यह तभी संभव है जब प्रेषक विचार, अभिव्यक्ति, भावना, संदेश आदि को समझने योग्य तरीके से व्यक्त करता है क्योंकि हर कोई सूचना को अपने दिमाग में संसाधित करता है, जिसके कारण आमतौर पर कोई भी यह नहीं बता पाता कि किसी दूसरे के मन में क्या चल रहा है, यदि कोई बताना या पूछना चाहता है, तो उसे किसी समझने योग्य तरीके से संचार करना होगा।
प्रेषक जानकारी को कुछ समझने योग्य तरीके से एन्कोड करता है और यदि प्राप्तकर्ता एन्कोडेड तरीके को समझ सकता है तो उस एन्कोडेड जानकारी को रिसीवर द्वारा डिकोड किया जाता है, इसलिए जानकारी को स्थानांतरित करने के लिए सही तरीके का उपयोग किया जाना चाहिए।
Table of Contents
संचार के प्रकार (Types of Communication)
संचार के प्रकार का अर्थ है कि हम आम तौर पर कितने तरीकों से जानकारी व्यक्त कर सकते हैं। संचार के प्रकार निम्नलिखित हैं:
1. शाब्दिक संचार (Verbal Communication):
शाब्दिक संचार का अर्थ केवल मौखिक संचार नहीं है, बल्कि इसमें लिखित संचार भी शामिल है। शाब्दिक संचार का अर्थ है मौखिक या लिखित या दोनों के माध्यम से जानकारी व्यक्त करना। यदि सामने वाला शाब्दिक संचार को समझता है तो शाब्दिक संचार, संचार का सबसे विश्वसनीय तरीका है। शाब्दिक संचार को दो भागों में बांटा गया है:
1. मौखिक संचार (Oral Communication):
बोलकर जानकारी व्यक्त करना मौखिक संचार कहलाता है और यह जानकारी व्यक्त करने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है क्योंकि इसमें समय कम लगता है और यह समझना आसान होता है कि सामने वाला क्या कहना चाहता है, लेकिन लिखित संचार की तुलना में इसका साक्ष्यात्मक महत्व कम होता है क्योंकि यह स्थिर नहीं है, लेकिन आजकल तकनीकी की वजह से इसे स्थिर रखा जा सकता है।
2. लिखित संचार (Written Communication):
लेखन के माध्यम से जानकारी व्यक्त करना लिखित संचार कहलाता है और यह साक्ष्यात्मक मूल्य के संदर्भ में जानकारी व्यक्त करने का सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि यह स्थिर है, लेकिन प्रौद्योगिकी के कारण इसे अस्थिर किया जा सकता है। मौखिक संचार की तुलना में लिखित संचार अधिक विश्वसनीय होता है लेकिन मौखिक संचार की तुलना में इसमें अधिक समय लगता है।
2. अशाब्दिक संचार (Non-verbal Communication):
अशाब्दिक संचार का अर्थ है इशारों (चेहरे के भाव, शारीरिक भाषा, आदि) के माध्यम से जानकारी व्यक्त करना। सरल भाषा में कहें तो मौखिक संचार के अलावा अन्य सभी माध्यमों को अशाब्दिक संचार कहा जाता है। यदि कोई मौखिक विधि के माध्यम से जानकारी व्यक्त करने में सक्षम नहीं है तो यह सबसे उपयोगी विधि है।
ये भी पढ़ें:
QNA/FAQ
Q1. संचार के प्रकार लिखिए।
Ans: संचार दो प्रकार के होते हैं:
1. शाब्दिक संचार (Verbal Communication)
2. अशाब्दिक संचार (Non-verbal Communication):
Q2. शाब्दिक संचार क्या है?
Ans: शाब्दिक संचार का अर्थ है मौखिक या लिखित या दोनों के माध्यम से जानकारी व्यक्त करना।
Q3. अशाब्दिक संचार क्या है?
Ans: अशाब्दिक संचार का अर्थ है इशारों (चेहरे के भाव, शारीरिक भाषा, आदि) के माध्यम से जानकारी व्यक्त करना।
Q4. मौखिक संचार क्या है?
Ans: बोलकर जानकारी व्यक्त करना मौखिक संचार कहलाता है और यह जानकारी व्यक्त करने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है।
Q5. लिखित संचार क्या है?
Ans: लेखन के माध्यम से जानकारी व्यक्त करना लिखित संचार कहलाता है और यह साक्ष्यात्मक मूल्य के संदर्भ में जानकारी व्यक्त करने का सबसे अच्छा तरीका है।