किसी व्यवसाय को चलाने में संपत्तियां बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि व्यवसाय के दिन-प्रतिदिन के संचालन (Operations) संपत्तियों द्वारा किए जाते हैं। संपत्तियों में नकदी, बैंक, जमा, भवन, भूमि, फर्नीचर, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क आदि शामिल हैं। बेहतर समझ और उपयोग के लिए, संपत्तियों को अलग-अलग आधार पर वर्गीकृत किया जाता है जैसे परिवर्तन के आधार पर, अस्तित्व के आधार पर, संचालन के आधार पर, आदि।
किसी व्यवसाय में संपत्तियों को कितने भागों में विभाजित किया जाना है यह व्यवसाय की प्रकृति, स्थिति, प्रबंधन के निर्णय आदि पर निर्भर करता है। मुख्य रूप से संपत्तियों को दो भागों में बांटा जाता है एक अचल संपत्तियां और दूसरा चालू संपत्तियां। व्यवसाय में, संपत्तियों को बैलेंस शीट पर दिखाया जाता है। बैलेंस शीट में दिखाई गई संपत्तियां मूल्यह्रास, मूल्यवृद्धि आदि जैसे सभी समायोजनों के बाद दिखाई जाती हैं। संपत्तियां व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को दर्शाती हैं लेकिन इसके साथ-साथ देनदारियों का डेटा भी होना चाहिए क्योंकि ये दोनों एक दूसरे से संबंधित हैं।
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संपत्तियों का वर्गीकरण (Classification of Assets)
संपत्तियों का वर्गीकरण निम्नलिखित है:
परिवर्तन के आधार पर (On the basis of conversion) | – अचल संपत्तियां (Fixed Assets) – वर्तमान संपत्तियां (Current Assets) |
अस्तित्व के आधार पर (On the basis of existence) | – मूर्त संपत्तियां (Tangible Assets) – अमूर्त संपत्तियां (Intangible Assets) |
संचालन/प्रयोग के आधार पर (On the basis of operation/usage) | – परिचालन संपत्तियां (Operating Assets) – गैर-परिचालन संपत्तियां (Non-operating Assets) |
1. परिवर्तन के आधार पर (On the basis of conversion):
परिवर्तन के आधार पर संपत्तियों का वर्गीकरण यह दर्शाता है कि कोई संपत्ति कितनी जल्दी किसी अन्य संपत्ति में परिवर्तित हो सकती है या होगी। कोई भी संपत्ति कितनी जल्दी किसी अन्य संपत्ति में परिवर्तित हो सकती है या होगी यह संपत्ति की प्रकृति, व्यवसाय की प्रकृति, स्थिति, आदि पर निर्भर करता है। परिवर्तन के आधार पर संपत्तियों को दो भागों में विभाजित किया जाता है एक अचल संपत्तियां और दूसरी चालू संपत्तियां।
- अचल संपत्तियां (Fixed Assets): अचल संपत्तियां वे संपत्तियां हैं जिनका उपयोग एक वर्ष से अधिक समय तक के लिए किया जाता है और इन्हे किसी अन्य संपत्ति में परिवर्तित करने का कोई इरादा नहीं होता है। इन्हें दीर्घकालिक संपत्ति और गैर-वर्तमान संपत्ति के रूप में भी जाना जाता है। सामान्य तौर पर, इन्हें आसानी से अन्य संपत्तियों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। अचल संपत्तियों में भवन, भूमि, वाहन, फर्नीचर, ट्रेडमार्क, पेटेंट, आदि शामिल हैं।
- वर्तमान संपत्तियां (Current Assets): चालू संपत्तियां वे संपत्तियां हैं जिनका उपयोग एक वर्ष या एक वर्ष से कम समय के भीतर किया जाता है। इन्हे अल्पकालिक संपत्ति के रूप में भी जाना जाता है। इन्हें अचल संपत्तियों की तुलना में किसी अन्य संपत्ति में परिवर्तित करना आसान होता है। वर्तमान संपत्तियों में नकदी, बैंक, इन्वेंट्री, अल्पकालिक जमा, पूर्वदात व्यय, आदि शामिल हैं।
2. अस्तित्व के आधार पर (On the basis of existence):
अस्तित्व के आधार पर संपत्तियों का वर्गीकरण यह दर्शाता है कि संपत्ति का भौतिक अस्तित्व (Physical Existence) है या आभासी अस्तित्व (Virtual Existence) है। आज के समय में व्यवसाय के लिए दोनों संपत्तियां महत्वपूर्ण हैं लेकिन यह व्यवसाय की प्रकृति पर भी निर्भर करती हैं। अस्तित्व के आधार पर संपत्तियों को दो भागों में बांटा गया है एक है मूर्त संपत्ति और दूसरी है अमूर्त संपत्ति है।
- मूर्त संपत्तियां (Tangible Assets): मूर्त संपत्तियां वे संपत्तियां हैं जिन्हें छुआ और देखा जा सकता है। सरल भाषा में कहें तो अमूर्त संपत्तियों के अलावा अन्य सभी संपत्तियां मूर्त संपत्तियां हैं। मूर्त संपत्तियों का भौतिक अस्तित्व होता है, उदाहरण के लिए भूमि का भौतिक अस्तित्व होता है जिसे हम देख और छू सकते हैं। मूर्त संपत्तियों में भूमि, भवन, मशीनरी, फर्नीचर, नकदी आदि शामिल हैं।
- अमूर्त संपत्तियां (Intangible Assets): अमूर्त संपत्तियां वे संपत्तियां हैं जिन्हें देखा और छुआ नहीं जा सकता, केवल परिणाम के माध्यम से समझा जा सकता है। सरल भाषा में कहें तो, मूर्त संपत्तियों को छोड़कर सभी संपत्तियां अमूर्त संपत्तियां हैं। भले ही इन संपत्तियों को देखा और छुआ नहीं जा सकता है, लेकिन ये व्यवसाय में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, ट्रेड मार्क एक अमूर्त संपत्ति है जिसे हम देख और छू नहीं सकते लेकिन परिणामों के माध्यम से समझ सकते हैं। अमूर्त संपत्तियों में कॉपीराइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क, सॉफ्टवेयर, अनुसंधान आदि शामिल हैं।
3. संचालन के आधार पर (On the basis of operation):
संचालन के आधार पर संपत्तियों का वर्गीकरण यह दर्शाता है कि कौन सी संपत्ति का उपयोग व्यवसाय के दिन-प्रतिदिन के संचालन के लिए किया जाता है और कौन सी संपत्ति का नहीं। दोनों प्रकार की संपत्तियां व्यवसाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, भले ही किसी संपत्ति का उपयोग व्यवसाय के दैनिक कार्यों में नहीं किया जाता हो। संचालन के आधार पर संपत्तियों को दो भागों में बांटा गया है एक परिचालन संपत्तियां और दूसरा गैर-परिचालन संपत्तियां।
- परिचालन संपत्तियां (Operating Assets): परिचालन संपत्तियां वे संपत्तियां हैं जो व्यवसाय के दिन-प्रतिदिन के संचालन में शामिल होती हैं और व्यवसाय चलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन संपत्तियों के बिना व्यवसाय नहीं चल सकता। परिचालन संपत्तियों में नकदी, बैंक, इन्वेंट्री, भूमि, भवन, फर्नीचर, ट्रेडमार्क, पेटेंट, आदि शामिल हैं।
- गैर-परिचालन संपत्तियां (Non-operating Assets): गैर-परिचालन संपत्तियां वे संपत्तियां हैं जो व्यवसाय के दिन-प्रतिदिन के संचालन में शामिल नहीं होती हैं लेकिन यह व्यवसाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये संपत्तियाँ व्यवसाय के मूल्यांकन को बढ़ाने और अतिरिक्त आय अर्जित करने में मदद करती हैं। गैर-परिचालन सम्पतियों में जमा राशि, अप्रयुक्त भूमि, अप्रयुक्त भवन, निवेश, आदि शामिल हैं।
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QNA/FAQ
Q1. परिवर्तन के आधार पर संपत्तियों को कितने भागों में विभाजित किया जाता है?
Ans: परिवर्तन के आधार पर संपत्तियों को दो भागों में विभाजित किया जाता है:
1. अचल संपत्तियां (Fixed Assets)
2. वर्तमान संपत्तियां (Current Assets)
Q2. क्या गैर-परिचालन संपत्तियां व्यवसाय के दिन-प्रतिदिन के संचालन में शामिल नहीं होते हैं?
Ans: हाँ, गैर-परिचालन संपत्तियां व्यवसाय के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में शामिल नहीं होते हैं।
Q3. क्या अमूर्त संपत्तियों को देखा और छुआ नहीं जाता?
Ans: हां, अमूर्त संपत्तियों को देखा और छुआ नहीं जा सकता।
Q4. क्या आभासी संपत्ति मौजूद है?
Ans: हाँ, आभासी संपत्तियां मौजूद हैं। कॉपीराइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क, सॉफ्टवेयर आदि आभासी संपत्तियों का एक उदाहरण है।
Q5. क्या अचल संपत्तियों को गैर-चालू संपत्ति भी कहा जाता है?
Ans: हाँ, अचल संपत्तियों को गैर-चालू संपत्ति भी कहा जाता है।
Q6. संपत्तियों का वर्गीकरण लिखिए।
Ans: संपत्तियों का वर्गीकरण निम्नलिखित है:
1. परिवर्तन के आधार पर (On the basis of conversion)
– अचल संपत्तियां (Fixed Assets)
– वर्तमान संपत्तियां (Current Assets)
2. अस्तित्व के आधार पर (On the basis of existence)
– मूर्त संपत्तियां (Tangible Assets)
– अमूर्त संपत्तियां (Intangible Assets)
3. संचालन के आधार पर (On the basis of operation)
– परिचालन संपत्तियां (Operating Assets)
– गैर-परिचालन संपत्तियां (Non-operating Assets)