लेखांकन त्रुटियों का वर्गीकरण (Classification of Accounting Errors)

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लेखांकन कार्य के दौरान होने वाली गलतियों को लेखांकन त्रुटियाँ कहा जाता है और ये कई कारणों से हो सकती हैं जैसे लेनदेन दर्ज करना भूल जाना, एक लेनदेन को एक से अधिक बार दर्ज करना, लेखांकन का ज्ञान न होने के कारण गलत लेनदेन दर्ज करना, आदि। ये त्रुटियाँ लेखांकन प्रक्रिया में बहुत सारी समस्याएँ पैदा कर सकती हैं जैसे शेष राशि का मेल न होना, रिपोर्ट सही न बनान, आदि, इसलिए इन त्रुटियों को समझने और सुधारने में आसान बनाने के लिए उन्हें विभिन्न भागों में वर्गीकृत किया जाता है।

लेखांकन त्रुटियों को कई भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है लेकिन मुख्य रूप से इसे चार भागों में वर्गीकृत किया जाता है जैसे कि सिद्धांत की त्रुटि, कमीशन की त्रुटि, चूक की त्रुटि, और क्षतिपूर्ति त्रुटि। सभी प्रकार की त्रुटियों की अपनी विशेषताएं होती हैं और उन्हें उनकी विशेषताओं के अनुसार समझा और सुधारा जाता है।

लेखांकन त्रुटियों का वर्गीकरण (Classification of Accounting Errors)

लेखांकन त्रुटियों का वर्गीकरण (Classification of Accounting Errors)

लेखांकन त्रुटियों का वर्गीकरण नीचे वर्णित है:

लेखांकन त्रुटियों का वर्गीकरण
(Classification of Accounting Errors)
– सिद्धांत की त्रुटि (Error of Principle)
– कमीशन की त्रुटि (Error of Commission)
– चूक की त्रुटि (Error of Omission)
– क्षतिपूर्ति त्रुटि (Compensating Error), आदि।

1. सिद्धांत की त्रुटि (Error of Principle):

लेखांकन ज्ञान की कमी या लेखांकन सिद्धांतों, अवधारणाओं, नियमों आदि का पालन न करने के कारण होने वाली त्रुटियों को सिद्धांत की त्रुटियाँ कहा जाता है। यह त्रुटि ज्यादातर उलझन के कारण होती है जैसे पूंजीगत व्यय को राजस्व व्यय मानना, पूंजीगत आय को राजस्व आय मानना, ​​आदि। उदाहरण के लिए खरीद खाता में संपत्ति खरीद को दर्ज करना, आदि।

2. कमीशन की त्रुटि (Error of Commission):

अंकगणित गलती को कमीशन की त्रुटि कहा जाता है। यह त्रुटि लिपिकीय त्रुटि (Clerical Error) का एक हिस्सा है जिसमें चूक की त्रुटि शामिल है। इसमें लेनदेन की राशि को गलत तरीके से दर्ज करना, राशि का गलत योग करना, आदि शामिल है। कमीशन की त्रुटि में, लेखांकन नियम का पालन तो सही से किया जाता है लेकिन संख्या बदल जाती है और इसका पता ट्रायल बैलेंस, बैलेंस शीट, आदि में लगाया जा सकता है।

3. चूक की त्रुटि (Error of Omission):

किसी लेन-देन को रिकॉर्ड करना भूल जाना चूक की त्रुटि कहलाता है और यह लिपिकीय त्रुटि का एक हिस्सा है जिसमें कमीशन की त्रुटि भी शामिल है। चूक की त्रुटि दो भागों में विभाजित है एक पूर्ण चूक और आंशिक चूक।

  • पूर्ण चूक (Complete Omission): किसी लेनदेन को पूर्णतः दर्ज करना भूल जाना पूर्ण चूक कहलाता है।
  • आंशिक चूक (Partial Omission): किसी लेनदेन को अपूर्ण रूप से दर्ज करके भूल जाना आंशिक चूक कहलाता है।

4. क्षतिपूर्ति त्रुटि (Compensating Error):

जब एक गलती दूसरी गलती को बेअसर कर देती है तो उसे क्षतिपूर्ति त्रुटि कहते हैं। क्षतिपूर्ति त्रुटि का पता आसानी से नहीं चलता क्योंकि इसमें पुरानी गलतियाँ बेअसर हो जाती हैं। उदाहरण के लिए, बिक्री खाते में 1000/- रुपये क्रेडिट होने थे लेकिन क्रेडिट 100/- रुपये हो गया और खरीद खाते में 1000/- रुपये डेबिट होने थे लेकिन डेबिट 100/- रुपये हो गया, इस स्थिति में यह गलती ट्रायल बैलेंस में नहीं पता चलेगी क्योंकि डेबिट और क्रेडिट पक्ष दोनों बराबर होंगे।


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QNA/FAQ

Q1. चूक की त्रुटि को कितने भागों में विभाजित किया गया है?

Ans: चूक की त्रुटि दो भागों में विभाजित किया गया है:

1. पूर्ण चूक (Complete Omission)
2. आंशिक चूक (Partial Omission)

Q2. किसी लेनदेन दर्ज करना भूल जाना कौनसी त्रुटि है?

Ans: किसी लेनदेन को दर्ज करना भूल जाना चूक की त्रुटि है।

Q3. जब एक गलती दूसरी गलती को बेअसर कर देती है तो उसे कौन सी त्रुटि कहते हैं?

Ans: जब एक गलती दूसरी गलती को बेअसर कर देती है तो उसे क्षतिपूर्ति त्रुटि कहते हैं

Q4. लेखांकन ज्ञान की कमी के कारण होने वाली गलतियों को कौन सी त्रुटि कहा जाता है?

Ans: लेखांकन ज्ञान की कमी के कारण होने वाली गलतियों को सिद्धांत की त्रुटि कहा जाता है?

Q5. लेखांकन त्रुटियों के कुछ प्रकार लिखिए।

Ans: लेखांकन त्रुटियों के कुछ प्रकार निम्नलिखित हैं:

1. सिद्धांत की त्रुटि (Error of Principle)
2. कमीशन की त्रुटि (Error of Commission)
3. चूक की त्रुटि (Error of Omission)
4. क्षतिपूर्ति त्रुटि (Compensating Error), आदि।

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