व्यवसाय आर्थिक लेन-देन के माध्यम से किया जाता है और प्रत्येक लेन-देन व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि प्रत्येक लेन-देन का व्यवसाय में कुछ मूल्य होता है। रसीदों का उपयोग व्यावसायिक लेनदेन को व्यवस्थित रूप से करने के लिए किया जाता है क्योंकि इसका उपयोग लेनदेन के साक्ष्य के रूप में किया जाता है। रसीद की मदद से यह पता चलता है कि लेन-देन कब और किसने किया है क्योंकि इसमें रसीद जारीकर्ता के हस्ताक्षर होते हैं लेकिन तकनीक के कारण यह धीरे-धीरे डिजिटल होती जा रही है।
उदाहरण के लिए, जब हम दूसरे पक्ष (Party) से नकदी प्राप्त करते हैं तो हम प्राप्त नकदी के बदले रसीद जारी करते हैं क्योंकि रसीद के बिना हमारे और दूसरे पक्ष के पास नकदी लेनदेन का कोई वैध सबूत नहीं होगा जिससे भविष्य में समस्या हो सकती है। इसी प्रकार, इसका उपयोग सामान और सेवाएँ प्राप्त करते समय, चेक प्राप्त करते समय, दस्तावेज़ प्राप्त करते समय किया जाता है।
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रसीद (Receipt) क्या है?
रसीद का अर्थ (Meaning of Receipt):
रसीद एक दस्तावेज़ है और यह डेटा का प्राथमिक स्रोत है। इसका उपयोग यह स्वीकार करने के लिए किया जाता है कि कुछ प्राप्त हुआ है। जब किसी को कुछ प्राप्त होता है तो वे दूसरे को यह सत्यापित करने के लिए रसीद जारी करते हैं कि हमें कुछ प्राप्त हुआ है। रसीदों का उपयोग साक्ष्य के रूप में किया जाता है क्योंकि रसीदों का कानून के समक्ष साक्ष्यात्मक मूल्य होता है। इसका साक्ष्यात्मक महत्व होने का मुख्य कारण यह है कि इस पर रसीद जारीकर्ता के हस्ताक्षर होते हैं जिससे यह पता चलता है कि जारीकर्ता की इस पर सहमति है।
आम तौर पर रसीद में जारीकर्ता का विवरण, रसीद प्राप्तकर्ता का विवरण, जारीकर्ता के हस्ताक्षर (प्राधिकृत हस्ताक्षर), और अन्य विवरण जैसे तारीख, राशि, कारण आदि का उल्लेख होता है।
रसीद की परिभाषा (Definition of Receipt):
अपने शब्द के अनुसार – “रसीद एक दस्तावेज़ है जिसका उपयोग किसी चीज़ की प्राप्ति को प्रमाणित करने के लिए किया जाता है।”
According to own word – “A receipt is a document used to certify the receipt of something.”
रसीद की विशेषताएं (Features of Receipt)
रसीद की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. पक्ष (Party):
रसीद में दो पक्ष शामिल होते हैं, एक जारीकर्ता और दूसरा प्राप्तकर्ता। जो रसीद जारी करता है उसे जारीकर्ता कहा जाता है और जो रसीद प्राप्त करता है उसे प्राप्तकर्ता कहा जाता है। जारीकर्ता रसीद तभी जारी करता है जब उसे कुछ प्राप्त होता है क्योंकि रसीद का अर्थ ही यह प्रमाणित करना है कि कुछ प्राप्त हुआ है।
2. दस्तावेज़ (Document):
रसीद अन्य दस्तावेज़ की तरह ही एक दस्तावेज़ है, जैसे बिक्री और खरीद दस्तावेज़, बिक्री और खरीद रिटर्न दस्तावेज़, चेक, पे-इन-स्लिप आदि। यह वस्तु के प्राप्तकर्ता द्वारा जारी किया जाता है और यह वस्तु देने वाले को दिया जाता है। इसमें जारीकर्ता का विवरण, रसीद प्राप्तकर्ता का विवरण, जारीकर्ता के हस्ताक्षर (प्राधिकृत हस्ताक्षर), और अन्य विवरण जैसे तारीख, राशि, कारण आदि का उल्लेख होता है।
3. साक्ष्यात्मक मूल्य (Evidential Value):
रसीद का साक्ष्यात्मक मूल्य होता है क्योंकि यह तब जारी किया जाता है जब कुछ प्राप्त होता है। इसकी सहायता से यह सिद्ध हो जाता है कि किसी ने किसी दूसरे से कोई वस्तु प्राप्त की है क्योंकि इस पर वस्तु प्राप्त करने वाले के हस्ताक्षर होते हैं। जारीकर्ता के हस्ताक्षर के कारण ही इसका साक्ष्यात्मक मूल्य होता है।
4. सार्वभौमिक (Universal):
रसीद का उपयोग सार्वभौमिक रूप से किया जाता है क्योंकि हर कोई कुछ न कुछ प्राप्त करता है या देता है। उदाहरण के लिए, जब हम किसी दुकान, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, अस्पताल, स्कूल, कोचिंग संस्थान आदि में भुगतान करते हैं तो हमें एक रसीद मिलती है, जो साबित करती है कि हमने भुगतान कर दिया है और उन्हें भुगतान प्राप्त हो गया है।
5. निरंतर (Continuous):
रसीद का उपयोग केवल एक बार नहीं किया जाता है क्योंकि लेनदेन करते समय इसका उपयोग उतनी बार किया जाएगा जितनी बार इसकी आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिए, हमने किसी चीज़ के लिए भुगतान किया, हमें एक रसीद मिली, हमने किसी चीज़ के लिए दोबारा भुगतान किया, हमें फिर से एक रसीद मिली, इसी तरह, हम जितनी बार भुगतान करेंगे, हमें उतनी बार एक रसीद मिलेगी, ऐसा होने का मुख्य कारण यह है कि हमने जो भुगतान किया है वह सफलतापूर्वक हो गया है।
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QNA/FAQ
Q1. रसीद (Receipt) क्या है?
Ans: रसीद एक दस्तावेज़ है और यह डेटा का प्राथमिक स्रोत है। इसका उपयोग यह स्वीकार करने के लिए किया जाता है कि कुछ प्राप्त हुआ है। जब किसी को कुछ प्राप्त होता है तो वे दूसरे को यह सत्यापित करने के लिए रसीद जारी करते हैं कि हमें कुछ प्राप्त हुआ है।
Q2. क्या रसीद को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है?
Ans: हां, रसीदों को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि इससे साबित होता है कि किसी को किसी से कुछ मिला है।
Q3. रसीद में कितने पक्ष शामिल होते हैं?
Ans: रसीद में दो पक्ष शामिल होते हैं, एक जारीकर्ता जो रसीद जारी करता है और दूसरा प्राप्तकर्ता जो रसीद प्राप्त करता है।
Q4. क्या रसीद एक दस्तावेज़ है?
Ans: हां, रसीद अन्य दस्तावेज़ की तरह ही एक दस्तावेज़ है, जैसे बिक्री दस्तावेज़, खरीद दस्तावेज़, बिक्री और खरीद रिटर्न दस्तावेज़, चेक, पे-इन-स्लिप आदि।
Q5. रसीद की विशेषताएँ लिखिए।
Ans: रसीद की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. रसीद में पार्टी शामिल होती है।
2. रसीद एक दस्तावेज़ है।
3. रसीद का साक्ष्य मूल्य होता है।
4. रसीद एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है।
5. रसीद एक निरंतर प्रक्रिया है।