मूल्यह्रास के कारण (Causes of Depreciation)

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किसी भी व्यवसाय को चलाने में संपत्तियां (जैसी फर्नीचर, भवन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, वाहन आदि) बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि ये व्यवसाय के कार्य करने, आय अर्जित करने, आदि जैसे विभिन्न कार्यों में मदद करती हैं, लेकिन समय के साथ इनका मूल्य घटता रहता है जिसे मूल्यह्रास के रूप में जाना जाता है और यह संपत्ति के निर्माण के समय से शुरू होता है और संपत्ति का अपेक्षित जीवन समाप्त होने तक जारी रहता है।

किसी संपत्ति का मूल्य कई कारणों से कम हो सकता है, जैसे समय, टूट-फूट, प्रौद्योगिकी में परिवर्तन, अपर्याप्तता आदि। ध्यान दें: संपत्तियों का पुस्तक मूल्य और वास्तविक मूल्य भिन्न हो सकते हैं, क्योंकि पुस्तक में मूल्यह्रास एक निर्धारित अनुपात पर लगाया जाता है, और वास्तविक में मूल्यह्रास समय, उपयोग, प्रौद्योगिकी, टूट-फूट आदि के आधार पर लगाया जाता है।

ध्यान दें: मूल्यह्रास केवल मूर्त अचल संपत्तियों पर लागू होता है, लेकिन भूमि पर नहीं।

मूल्यह्रास के कारण (Causes of Depreciation)

मूल्यह्रास के कारण (Causes of Depreciation)

मूल्यह्रास के कारण निम्नलिखित हैं:

1. समय (Time):

हम लगभग हर चीज़ को रोकने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन समय को नहीं क्योंकि समय एक सतत प्रकृति है इसलिए जैसे-जैसे समय बीतता है संपत्ति का मूल्य भी घटता जाता है यही कारण है कि समय मूल्यह्रास का एक मुख्य कारण है। किसी संपत्ति का समय उसके निर्माण से शुरू होता है लेकिन लेखांकन पुस्तक में खरीद के समय से शुरू होता है।

2. उपयोग (Use):

समय के बाद, संपत्ति का उपयोग मूल्यह्रास का मुख्य कारण होता है, क्योंकि किसी संपत्ति का जितना अधिक उपयोग किया जाता है, उतनी ही तेजी से उसका मूल्यह्रास होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो जैसे-जैसे किसी संपत्ति का उपयोग होता है, उसकी क्षमता, प्रदर्शन आदि कम होने लगते हैं, जिससे उत्पादन में भी कमी आती है।

उदाहरण के लिए, एक मशीन अपने पूरे जीवन में 1 लाख पेन तक बना सकती है, ऐसे में अगर एक महीने में 1 हजार पेन बनाए जाते हैं, तो मशीन 100 महीने तक चलेगी और अगर एक महीने में 2 हजार पेन बनाए जाते हैं, तो यह 50 महीने तक चलेगी।

3. तकनीकी (Technology):

आजकल तकनीक तेजी से बदल रही है, जिसके कारण संपत्तियों का मूल्यह्रास भी तेजी से हो रहा है क्योंकि तकनीक में बदलाव के कारण संपत्ति के प्रदर्शन, उपयोग, क्षमता आदि में बदलाव होता है, जिसके कारण उत्पादन में भी बदलाव होता है।

उदाहरण के लिए, पहले एक मशीन एक मिनट में 10 पेन बनाती थी लेकिन अब तकनीक में बदलाव के कारण नई मशीन एक मिनट में 20 पेन बना रही है, तो इस स्थिति में तकनीक के कारण पुरानी मशीन की कीमत कम हो जाएगी।

4. टूट – फूट (Wear and Tear):

टूट-फूट किसी भी संपत्ति को सबसे अधिक प्रभावित करती है, क्योंकि जितनी अधिक टूट-फूट होगी, संपत्ति का जीवन, दक्षता, प्रदर्शन आदि उतना ही कम होगा।

5. अपर्याप्तता (Inadequacy):

बदलती प्रौद्योगिकी, बढ़ते व्यापार और अर्थव्यवस्था के कारण पुरानी परिसंपत्तियां अपर्याप्त होती जा रही हैं, इसलिए अपर्याप्तता भी मूल्यह्रास का एक मुख्य कारण है।


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QNA/FAQ

Q1. संपत्तियों का मूल्यह्रास क्यों होता है?

Ans: समय बीतने के साथ-साथ संपत्तियों के उपयोग, प्रौद्योगिकी में परिवर्तन, टूट-फूट, आदि के कारण उत्पादन क्षमता कम हो जाती है तथा उत्पादन लागत बढ़ जाती है, जिससे संपत्तियों का मूल्यह्रास होता है।

Q2. उपयोग से किसी परिसंपत्ति का मूल्य कैसे कम हो जाता है?

Ans: किसी संपत्ति का उपयोग करने से उसकी क्षमता, प्रदर्शन आदि कम हो जाता है, जिससे उसका मूल्य भी कम हो जाता है।

Q3. क्या समय मूल्यह्रास का कारण है?

Ans: हां, समय मूल्यह्रास का कारण है।

Q4. किसी संपत्ति का पुस्तक मूल्य और वास्तविक मूल्य भिन्न क्यों होता है?

Ans: किसी संपत्ति का पुस्तक मूल्य और वास्तविक मूल्य भिन्न इसलिए होते हैं, क्योंकि पुस्तक में मूल्यह्रास एक निश्चित अनुपात पर लगाया जाता है, जबकि वास्तविक में मूल्यह्रास समय, उपयोग, प्रौद्योगिकी, टूट-फूट आदि के आधार पर लगाया जाता है।

Q5. मूल्यह्रास के कारण लिखिए।

Ans: मूल्यह्रास के कारण निम्नलिखित हैं:

1. समय (Time)
2. उपयोग (Use)
3. तकनीकी (Technology)
4. टूट – फूट (Wear and tear)
5. अपर्याप्तता (Inadequacy)

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