जब भी हम किसी व्यवसाय की बैलेंस शीट देखते हैं तो हमें एक तरफ देनदारियां भी नजर आती हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि व्यवसाय में पहले देनदारियां आती हैं और फिर उनके जरिए संपत्तियां आती हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यवसाय ऋण लेता है, तो ऋण व्यवसाय की देनदारी बन जाता है और इसके माध्यम से प्राप्त धन एक संपत्ति बन जाता है। देनदारियों में ऋण, डिबेंचर, पूंजी, लेनदार, बकाया व्यय, आदि शामिल हैं।
बेहतर समझ और प्रबंधन के लिए देनदारियों को अल्पकालिक देनदारियों और दीर्घकालिक देनदारियों आदि के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। यह वर्गीकरण प्रकृति के अनुसार देनदारियों के बीच अंतर करने में मदद करता है। देनदारियों का वर्गीकरण हम बैलेंस शीट में भी देख सकते हैं। ध्यान दें कि देनदारियों में केवल वे देनदारियां शामिल हैं जिनका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, यदि किसी देनदारी का भुगतान हो गया है तो इसे देनदारी नहीं कहा जाएगा। देनदारियां केवल व्यवसाय की नहीं होती हैं, इनमें वे सभी लोग शामिल होते हैं जो किसी न किसी चीज के लिए वित्तीय रूप से जिम्मेदार होते हैं।
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देनदारियों का वर्गीकरण (Classification of Liabilities)
देनदारियों का वर्गीकरण नीचे वर्णित है:
दीर्घकालिक देनदारियां (Long Term Liabilities) | अल्पकालिक देनदारियां (Short Term Liabilities) |
1. दीर्घकालिक देनदारियां (Long Term Liabilities):
दीर्घकालिक देनदारियों का मतलब उन देनदारियों से है जो एक वर्ष से अधिक समय में देय होती हैं या जिनका भुगतान एक वर्ष से अधिक समय में किया जाता है। इन देनदारियों को गैर-वर्तमान देनदारियों के रूप में भी जाना जाता है। इन्हें बैलेंस शीट में देनदारियां पक्ष पर दिखाया जाता है और इसमें डिबेंचर, दीर्घकालिक ऋण, इक्विटी, पूंजी, आदि शामिल हैं। ये व्यवसाय में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि व्यवसाय में निवेश इनके माध्यम से अधिक किया जाता है। यदि सभी देनदारियों में से अल्पकालिक देनदारियां घटा दी जाएं तो दीर्घकालिक देनदारियां बच जाती हैं।
दीर्घकालिक देनदारियां = देनदारियां – अल्पकालिक देनदारियां |
दीर्घकालिक देनदारियों का उदाहरण:
- पूंजी (Capital)
- दीर्घकालिक ऋण (Long Term Loan)
- दीर्घकालिक उधार (Long Term Borrowings)
- डिबेंचर (Debentures)
- शेयर (Share)
2. अल्पकालिक देनदारियां (Short Term Liabilities):
अल्पकालिक देनदारियां वे देनदारियां हैं जो एक वर्ष के भीतर देय होती हैं या जिनका भुगतान एक वर्ष के भीतर किया जाता है। अल्पकालिक देनदारियों को वर्तमान देनदारियों के रूप में भी जाना जाता है। इन्हें बैलेंस शीट में देनदारियां पक्ष पर दिखाया जाता है और इसमें लेनदार, अल्पकालिक ऋण, बकाया व्यय, आदि शामिल हैं। ये देनदारियां व्यवसाय को चलाने में मदद करती हैं क्योंकि ये देनदारियां तब बनती हैं जब वस्तुओं, सेवाओं आदि का लेनदेन किया जाता है। यदि सभी देनदारियों में से दीर्घकालिक देनदारियां घटा दी जाएं तो अल्पकालिक देनदारियां बच जाती हैं।
अल्पकालिक देनदारियां = देनदारियां – दीर्घकालिक देनदारियां |
अल्पकालिक देनदारियों का उदाहरण:
लेनदार (Creditors) | – सभी देय खाते |
अल्पावधि ऋण (Short Term Loans) | – बैंक से ऋण – एनबीएफसी से ऋण – अन्य ऋण |
अल्पावधि उधारी (Short Term Borrowings) | सभी अल्पावधि उधार |
देय/बकाया व्यय (Outstanding Expenses) | – देय बिल/सदस्यता – देय वेतन/मजदूरी – देय ब्याज – देय किराया – अन्य देय |
कर (Tax) | – आय कर – जीएसटी कर – अन्य कर |
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QNA/FAQ
Q1. देनदारियों को कितने भागों में वर्गीकृत किया गया है?
Ans: मुख्य रूप से देनदारियों को दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है: दीर्घकालिक देनदारियां और अल्पकालिक देनदारियां।
Q2. अल्पकालिक देनदारियों के उदाहरण लिखिए।
Ans: अल्पकालिक देनदारियों के उदाहरण निम्नलिखित हैं।
1. लेनदार (Creditors)
2. अल्पावधि ऋण (Short Term Loans)
3. अल्पावधि उधारी (Short Term Borrowings)
4. बकाया व्यय (Outstanding Expenses)
5. कर (Tax)
Q3. वर्तमान देनदारियों को किस नाम से भी जाना जाता है?
Ans: वर्तमान देनदारियों को अल्पकालिक देनदारियों के नाम से भी जाना जाता है।
Q4. दीर्घकालिक देनदारियों के उदाहरण लिखिए।
Ans: दीर्घकालिक देनदारियों के उदाहरण निम्नलिखित हैं:
1. पूंजी (Capital)
2. दीर्घकालिक ऋण (Long Term Loan)
3. दीर्घकालिक उधार (Long Term Borrowings)
4. डिबेंचर (Debentures)
5. शेयर (Share)
Q5. दीर्घकालिक देनदारियों को किस नाम से भी जाना जाता है?
Ans: दीर्घकालिक देनदारियों को गैर-वर्तमान देनदारियों के नाम से भी जाना जाता है।
Q6. अल्पकालिक देनदारियां = देनदारियां – दीर्घकालिक देनदारियां, क्या यह सही है?
Ans: हाँ
Q7. दीर्घकालिक देनदारियां = देनदारियां – अल्पकालिक देनदारियां, क्या यह गलत है?
Ans: नहीं