कंपनी एक व्यावसायिक रूप है जिसका उपयोग उद्यमी अपने व्यवसाय के लिए करते हैं और यह शासी कानून के तहत पंजीकृत होती है। उदाहरण के लिए, भारत में, कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कंपनी पंजीकृत होती है, जो कंपनी से संबंधित मामलों को नियंत्रित करता है। कंपनी को पंजीकृत कराने के लिए कई शर्तें पूरी करनी होती हैं और जब सभी शर्तें पूरी हो जाती हैं, तो कंपनी पंजीकृत हो जाती है और जब कोई कंपनी, कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत होती है, तो उसके कई फायदे और नुकसान होते हैं।
एक कंपनी को पंजीकृत करने से अलग -अलग कानूनी पहचान, स्थायी उत्तराधिकार, सीमित देयता, शेयरों का हस्तांतरण, मुकदमा करने की क्षमता, सामान्य मुहर, आदि जैसे फायदे लाते हैं, लेकिन यह जटिलता, पारदर्शिता, लागत, जिम्मेदारी आदि जैसे नुकसान भी लाता है, ध्यान दें कि कंपनी पंजीकरण के लाभ और नुकसान मामले दर मामले में भिन्न हो सकते हैं।
ध्यान दें: “पंजीकरण” और “निगमन” शब्द का अर्थ एक ही है।

Table of Contents
कंपनी के फायदे (Advantages of Company)
कंपनी के फायदे निम्नलिखित हैं:
1. अलग कानूनी इकाई (Separate Legal Entity):
अलग कानूनी इकाई कंपनी का सबसे बड़ा लाभ है क्योंकि इसके अंतर्गत कंपनी अपने मालिक से अलग हो जाती है और एक अलग कानूनी इकाई बन जाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो, जब कोई व्यवसाय कंपनी के रूप में पंजीकृत होता है, तो व्यवसाय को कानून की नजर में अलग कानूनी पहचान मिल जाती है और वह एक अलग कानूनी कृत्रिम व्यक्ति बन जाता है जो अपने नाम पर व्यवसाय करने के लिए पात्र होता है।
2. निरंतर उत्तराधिकार (Perpetual Succession):
शाश्वत उत्तराधिकार का अर्थ है निरंतरता, जिसके अनुसार सदस्य आते-जाते रहते हैं, लेकिन कंपनी चलती रहती है और तब तक समाप्त नहीं होती जब तक उसका समापन न हो जाए। यह विशेषता व्यवसाय को निरंतर चालू रखने में मदद करती है, क्योंकि सदस्यों के परिवर्तन का उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। दूसरे शब्दों में कहें तो, यदि कोई सदस्य अपना हिस्सा किसी और को हस्तांतरित कर देता है या कोई सदस्य काम करने की स्थिति में नहीं है, तो कंपनी का समापन नहीं होता।
3. सीमित दायित्व (Limited Liability):
कंपनी के सदस्य सीमित देयता सुविधा का आनंद लेते हैं, जिसका अर्थ है कि सदस्य केवल अपने शेयर या गारंटी तक ही उत्तरदायी होता है, लेकिन असीमित कंपनी में यह सुविधा प्रदान नहीं की जाती है। यह सुविधा सदस्य को असीमित देयता से बचाती है और व्यक्तिगत परिसंपत्तियों की भी रक्षा करती है, लेकिन यदि कॉर्पोरेट पर्दा (corporate veil) हट जाता है और सदस्य दोषी पाया जाता है तो सदस्य की देयता असीमित हो जाती है।
4. शेयरों की हस्तांतरणीयता (Transferability of Shares):
कंपनी में शेयरों के हस्तांतरण की अनुमति है, लेकिन कुछ प्रकार की कंपनियों में यह प्रतिबंधित है, अर्थात निदेशक मंडल की अनुमति आवश्यक है या यह शासकीय कानून पर निर्भर करता है। सार्वजनिक कंपनी में शेयरों के हस्तांतरण की अनुमति बिना किसी प्रतिबंध के है, लेकिन निजी कंपनी में यह प्रतिबंधित है। शेयर हस्तांतरण पर प्रतिबंध गोपनीयता और निजी नियंत्रण बनाए रखने में मदद करते हैं।
5. मुकदमा करने की क्षमता (Ability to Sue):
कंपनी एक कानूनी व्यक्ति है और उसके पास मुकदमा करने के अधिकार सहित सभी अधिकार हैं, जिसका अर्थ है कि कंपनी के पास अपने नाम पर किसी पर भी मुकदमा करने की क्षमता है। यह सुविधा व्यवसाय को एक अलग कानूनी इकाई के कारण प्रदान की जाती है क्योंकि जब व्यवसाय को कंपनी के रूप में पंजीकृत किया जाता है, तो शासन कानून अलग कानूनी पहचान प्रदान करता है जिसकी मदद से व्यवसाय अपने नाम पर कुछ भी कर सकता है।
6. पूंजी तक आसान पहुंच (Easy Access to Capital):
कंपनी को अपने शेयर जनता को जारी करने और पूँजी जुटाने का अधिकार है। इससे व्यवसाय को व्यवसाय चलाने और विस्तार के लिए पूँजी प्राप्त करने में मदद मिलती है, और कंपनी के लिए ऋण प्राप्त करना अन्य प्रकार के व्यवसाय रूपों की तुलना में आसान होता है। ध्यान दें: कुछ प्रकार की कंपनियों में बिना अनुमोदन के शेयर जारी करना प्रतिबंधित है।
7. स्वामित्व की क्षमता (Capacity of Ownership):
कंपनी के पास स्वामित्व क्षमता होती है, जिसका अर्थ है कि कंपनी सब कुछ अपने नाम पर खरीदती और रखती है। यह एक अलग कानूनी इकाई के कारण संभव है क्योंकि जब व्यवसाय एक कंपनी के रूप में पंजीकृत होता है, तो कानून उसे एक अलग कानूनी पहचान प्रदान करता है, जिससे वह एक अलग कृत्रिम व्यक्ति बन जाता है जिसे स्वामित्व क्षमता प्राप्त करने का अधिकार मिल जाता है।
कंपनी के नुकसान (Disadvantages of Company)
कंपनी के नुकसान निम्नलिखित हैं:
1. जटिल (Complex):
किसी कंपनी का पंजीकरण, संचालन और समापन अन्य प्रकार के व्यावसायिक रूपों की तुलना में अधिक जटिल है, क्योंकि कंपनी कानून के तहत किसी कंपनी को पंजीकृत करने, चलाने और समापन करने के लिए कई कानूनी दस्तावेजों और प्रक्रियाओं का पालन करना होता है, और कई आंतरिक कार्य ऐसे भी हैं जो काफी जटिल होते हैं।
2. महँगा (Expensive):
एक कंपनी में कई तरह के कानूनी और कार्यात्मक कार्य करने होते हैं, जिन्हें करने के लिए अधिक धन की आवश्यकता होती है, यही कारण है कि अन्य रूपों की तुलना में कंपनी का गठन, संचालन और समापन करना अधिक महंगा होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो, दस्तावेज तैयार करना, पुस्तकों का रखरखाव करना, विभिन्न पदों जैसे निदेशक, लेखा परीक्षक, कानूनी सलाहकार, आदि पर व्यक्ति की नियुक्ति करना, लेखा परीक्षा करना, आदि एक महंगा काम है।
3. पारदर्शिता (Transparency):
कंपनी कानून के तहत पंजीकृत सभी व्यवसायों को अपने काम और डेटा की पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है, जैसे कि अपने वित्तीय डेटा को सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करना, आदि, जिसे कंपनी के लिए सबसे बड़ा नुकसान माना जा सकता है क्योंकि यह डेटा कंपनी के लिए घातक हो सकता है और शासी कानून द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन न करने पर जुर्माना या अन्य परिणाम हो सकते हैं।
4. ज़िम्मेदारी (Responsibility):
कंपनियों पर कई तरह की जिम्मेदारियां, जैसे कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी, आदि, शासी कानून द्वारा लगाई जाती हैं, जिन्हें पूरा करना कंपनियों के लिए अनिवार्य होता है। इन ज़िम्मेदारियों के कारण कंपनियों को काफ़ी पैसा खर्च करना पड़ता है और इन्हें पूरा न करने पर जुर्माना या अन्य क़ानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। ध्यान दें: यह ज़िम्मेदारी तभी लागू होती है जब कंपनी नियामक क़ानून द्वारा निर्धारित मापदंडों को पूरा करती है।
5. नियंत्रण का नुकसान (Loss of Control):
कंपनी में सभी प्रबंधकीय कार्य निदेशक मंडल द्वारा किए जाते हैं, और सदस्य केवल वार्षिक आम बैठक (AGM), असाधारण आम बैठक (EGM) आदि में ही भाग लेते हैं, और वे प्रबंधकीय कार्यों में शामिल नहीं होते, जिसके कारण उनका प्रबंधकीय कार्यों पर नियंत्रण समाप्त हो जाता है। ध्यान दें: यह एकल-व्यक्ति कंपनी पर लागू नहीं होता, क्योंकि केवल एक ही व्यक्ति सदस्य और निदेशक दोनों के रूप में कार्य करता है।
ध्यान दें: ऊपर कंपनी पंजीकरण के सभी फायदे और नुकसान का उल्लेख नहीं किया गया है।
ये भी पढ़ें:
- कंपनी (Company) क्या है? अर्थ, विशेषताएं और बहुत कुछ।
- एक व्यक्ति कंपनी (One Person Company): अर्थ, विशेषताएं, और बहुत कुछ।
- पब्लिक लिमिटेड कंपनी (Public Limited Company): अर्थ, विशेषताएं और बहुत कुछ।
- प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Private Limited Company): अर्थ, विशेषताएं और बहुत कुछ।
- कंपनियों के प्रकार (Types of Companies), कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत
- कॉर्पोरेट वेल सिद्धांत (Corporate Veil Theory)
- कंपनी का निगमन (Incorporation of a Company): अर्थ, प्रक्रिया, फायदे और नुकसान, आदि।
QNA/FAQ
Q1. क्या किसी व्यवसाय को कंपनी के रूप में पंजीकृत करने से उस व्यवसाय को एक अलग कानूनी पहचान मिलती है?
Ans: हां, किसी व्यवसाय को कंपनी के रूप में पंजीकृत करने से व्यवसाय को एक अलग कानूनी पहचान मिलती है।
Q2. क्या कंपनी चलाना महंगा है?
Ans: हां, कंपनी चलाना महंगा है।
Q3. कंपनी में सीमित देयता का क्या लाभ है?
Ans: सीमित देयता के अंतर्गत, सदस्य केवल अपने हिस्से या गारंटी के लिए ही जिम्मेदार होते हैं।
Q4. कंपनी के लाभ लिखिए।
Ans: कंपनी के लाभ निम्नलिखित हैं:
1. व्यवसाय को एक अलग कानूनी पहचान मिलती है।
2. व्यवसाय तब तक चलता रहता है जब तक कि उसे बंद न कर दिया जाए।
3. सदस्यों को सीमित देयता का लाभ मिलता है।
4. सदस्य अपने शेयरों का हस्तांतरण कर सकते हैं।
5. व्यवसाय को आसानी से पूँजी प्राप्त होती है।
6. व्यवसाय अपने नाम से मुकदमा कर सकता है।
7. व्यवसाय अपने नाम से कुछ भी खरीद सकता है।
Q5. कंपनी पंजीकरण के नुकसान लिखिए।
Ans: कंपनी पंजीकृत करने के नुकसान निम्नलिखित हैं:
1. कंपनी का पंजीकरण, संचालन और बंद करना कठिन होता है।
2. व्यवसाय को हर चीज़ में पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता होती है।
3. कंपनी को कई ज़िम्मेदारियाँ निभानी होती हैं।
4. कंपनी का पंजीकरण, संचालन और बंद करना महंगा होता है।
5. सदस्य प्रबंधकीय कार्यों पर अपना नियंत्रण खो देते हैं।
6. कंपनी में प्रशासनिक कार्य अधिक होता है।